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जस्टिस लोया की मौत के मामले की उच्च स्तरीय जांच हो- नाना पटोले

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूर्व सांसद व कांग्रेस नेता नाना पटोले ने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले के जस्टिस बृजमोहन लोया की मौत के प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। इस प्रकरण को लेकर बयान देनेवाले दो जजों का भी जिक्र किया गया है। जस्टिस लोया की रविभवन में तबियत खराब होने के बाद अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हुई थी। पटोले के अनुसार जस्टिस लोया के रविभवन में ठहरने का रिकार्ड ही नहीं है। पटोले शनिवार को जय जवान जय किसान संगठन के नेता प्रशांत पवार के बजाजनगर स्थित संपर्क कार्यालय में पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे। उच्चतम न्यायालय के जज चेलमेश्वर, रंजन गोगोई, मदन लोकूर कुरियन जोसेफ ने शुक्रवार को दिल्ली में पत्रकार वार्ता लेकर उच्चतम न्यायालय के प्रशासकीय कामकाज में अनियमितता जताते हुए न्याय व्यवस्था पर संदेह जताया था। जस्टिस लोया की मौत के मामले का भी जिक्र किया गया था। पटोले ने कहा कि न्याय व्यवस्था में सरकार के हस्तक्षेप का संदेह बढ़ने लगा है। फिलहाल कहा जा रहा है कि उच्चतम न्यायालय के जजों ने पत्रकार वार्ता लेने के बजाय राष्ट्रपति के समक्ष अपनी बात रखना था। उच्चतम न्यायालय के जजों के मामले की और भी बातें सामने आयेगी। लेकिन नागपुर में जस्टिस लाेया की मौत के मामले में जज भूषण गवई व सुनील सुक्रे ने आकस्मिक मौत संबंधी जो बयान दिया था उस संबंध में किसी ने कुछ क्यों नहीं कहा। किसी जज को उस तरह आसन से बाहर आकर बोलने की आवश्यकता क्यों पड़ी। जस्टिस लोया की मौत के मामले का आकस्मिक मामने से उनके पिता व बहन ने इनकार कर दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट व सीए रिपोर्ट में भी अंतर है।
मेरी बगावत को मिला समर्थन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस का विरोध करते हुए भाजपा से बाहर हुए नाना पटोले ने कहा कि उनकी बगावत भले ही राजनीतिक थी पर सरकार के कामकाज के विरोध में थी। न्याय व्यवस्था को लेकर जज जो कुछ बता रहे हैं उससे लगता है कि न्याय व्यवस्था ही संकट में आ रही है। ऐसे में उनकी बगावत को एक तरह से जजों की भूमिका का समर्थन मिला है।
ऐसा है जस्टिस लोया की मौत का मामला
सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस की सुनवाई कर रहे सीबीआई जस्टिस बृजमोहन लोया की मौत को लेकर पहले भी राजनीतिक माहौल गर्म होता रहा है। 30 नवंबर 2014 को जज स्वप्ना जोशी की पुत्री के विवाह के बाद जस्टिस लोया रविभवन में ठहरे थे। 1 दिसंबर को सुबह 4 बजे छाती में दर्द की शिकायत की। लोया को उपचार के लिए दंदे अस्पताल ले जाया गया। जहां उन्हें मृत घोषित किया गया। सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह भी आरोपी थी। मामले की जांच निष्पक्ष कराने के लिए गुजरात से महाराष्ट्र की न्यायालय में सुनवाई के लिए केस लाया गया था। फिलहाल अमित शाह को इस केस में न्यायालय ने बरी कर दिया है।
Created On :   13 Jan 2018 6:39 PM IST