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संकीर्णतावाद को सत्ता की ताकत मिलती है, तो गोडसे पैदा होते हैं
डिजिटल डेस्क, नागपुर. मौजूदा सत्ता की राजनीति को सांप्रदायिकता से लिपटी ठहराते हुए वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी ने कहा है कि पहले ऐसी स्थिति नहीं थी। सांप्रदायिकता की राजनीति को समय-समय पर रोका गया। सत्ता अलग-अलग रूपों में होती है, लेकिन जब भी संकीर्णतावाद को सत्ता की ताकत मिलती है, तो गोडसे पैदा होते हैं। वाजपेयी ने यह भी कहा-फिलहाल लोकतंत्र के स्तंभ ही नहीं, लोकतंत्र ही ध्वस्त हो गया है। स्वायत्त संस्थाओं की निष्पक्षता के लिए संविधान सभा में 19 दिन तक विचार चलता रहा। चुनाव आयोग को लेकर 6 दिन खर्च किए गए, लेकिन अब कोई संस्था स्वतंत्र नहीं रह गई है।
बांटे गए पुरस्कार
बहुजन विचार मंच की ओर से शांति मार्च निकाला गया। महात्मा गांधी की जयंती के पूर्व यह मार्च वेरायटी चौक से संविधान चौक तक निकला। वाजपेयी इसी मार्च में शामिल लोगों को संबोधित कर रहे थे। आरंभ में बहुजन विचार मंच की ओर से वेशभूषा व अन्य स्पर्धा के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। महात्मा गांधी के जीवन के विविध संदेशों का जिक्र करते हुए वाजपेयी ने कहा कि महात्मा ने बड़ी लकीर खींची थी। अब यह देखा जा रहा है कि बड़ी लकीर खींचने का साहस किसमें है। बहुजन विचार मंच के संयोजक नरेंद्र जिचकार ने प्रस्तावना रखी। पूर्व मंत्री सतीश चतुर्वेदी, पूर्व मंत्री सुनील केदार, पूर्व विधायक अशोक धवड़, एस. क्यू. जमा सहित अन्य पदाधिकारी मंच पर उपस्थित थे।
Created On :   2 Oct 2022 7:14 PM IST