आत्मविश्वास हो, तो कैंसर को भी दे सकते हैं मात

National Cancer Awareness Day - If you have confidence, you can beat cancer too
आत्मविश्वास हो, तो कैंसर को भी दे सकते हैं मात
राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस आत्मविश्वास हो, तो कैंसर को भी दे सकते हैं मात

भास्कर संवाददाता | नागपुर. कैंसर लाइलाज बीमारी है, लेकिन इससे जिदंगी खत्म नहीं हो सकती। जज्बा, अत्मविश्वास, जागरूकता और अपनों की मदद से कैंसर को मात दी जा सकती है। कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर कैंसर को मात देने वालों  ने अपनी आपबीती सुनाई। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर जज्बा और आत्मविश्वास हो, तो किसी भी बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है। 

बीमारी से बच सकते हैं

सुनीता दुबे, काउंसलर के मुताबिक मुझे 2015 में ब्रेस्ट कैंसर का पता चला। शुुरुआती लक्षण की जानकारी नहीं होने से कैंसर बढ़ गया था। ट्रीटमेंट लेने के बाद कैंसर को मात दी। उसके बाद सोचा कि कैंसर के लिए जागरूकता पैदा करनी होगी। मैंने कैंसर मरीजों के लिए काउंसलिंग का काम शुरू किया। इस दौरान पता चला कि कैंसर को ज्यादातर लोग छिपाते हैं, जिससे यह बढ़ जाता है। कैंसर के लिए जागरूकता होना जरूरी है। आज लाखों की संख्या में लोग हैं, जो कैंसर को मात दे कर एक स्वस्थ जिंदगी जी रहे हैं। मैं पिछले 6 वर्ष से कैंसर के लिए जागरूक कर रही हूं। कैंसर इतनी बड़ी बीमारी नहीं है कि इससे बचा नहीं जा सकता है। प्रारंभिक अवस्था में पता चलने पर स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

कैंसर को छिपाएं नहीं, डॉक्टर को बताएं

अनुपमा प्रधान, काउंसलर के मुताबिक कैंसर बहुत बड़ी बीमारी नहीं है। कैंसर वाला व्यक्ति निगेटिव हो जाता है और डिप्रेशन में चला जाता है। इस बीमारी से निजात पाने का सबसे अच्छा तरीका खुश रहना है। मैं कैंसर सर्वाइवर हंू, इसलिए कैंसर होने पर उस व्यक्ति की कैसी स्थिति हो सकती है, इस बात की मुझे अच्छी तरह से जानकारी है। मैंने कैंसर को मात दी और आज एक स्वस्थ जिंदगी जी  रही हंू। कैंसर से ठीक होने के बाद मैंने कैंसर मरीजों को जागरूक करने का काम किया। 

कैंसर के डर को दूर भगाना है 

देश में लगभग 10 लाख से अधिक कैंसर के ऐसे मामले आते हैं, जो अग्रिम अवस्था के गंभीर मामले होते हैं। ऐसी स्थिति में मरीज का बचना काफी मुश्किल होता है। अगर समय से कैंसर के लक्षणों की पहचान कर उपचार शुरू कर दिया जाए, तो इस पर काबू पाने की संभावना बढ़ जाती है। महिलाएं अगर 35 वर्ष की उम्र पर अपनी उचित जांच कराती रहें, तो वे स्तन कैंसर से बच सकती हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि ‘कैंसर से बचना है, डर को दूर भगाना है। डाक्टर को बताना है और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना है। कैंसर में  ब्लड कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, स्तन कैंसर, ओवेरियन और सर्वाइकल कैंसर, स्किन कैंसर, मुख कैंसर आदि प्रमुख हैं। 

जीवनशैली पर ध्यान देना जरूरी

पुरुषों में सबसे अधिक मुंह एवं गले के कैंसर की समस्या बढ़ रही है। यह समस्या तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी आदि के अधिक सेवन से हो रही है। ऐसे में जरूरी है कि कैंसर के कारण की रोकथाम की जाए। महिलाओं में बच्चेदानी से अधिक स्तन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए जागरूकता एवं स्वच्छता बहुत जरूरी है। कम उम्र में या अधिक उम्र में गर्भ धारण करना भी कैंसर को दावत देने जैसा है।  यदि महिलाएं सतर्क और जागरूक रहें, तो कैंसर से बचा जा सकता है।  35 वर्ष की उम्र के बाद महिलाएं अपने स्तनों में किसी तरह के बदलाव, सूजन, गांठ दिखाई दे, तो तुरंत चिकित्सक से मिलें।

Created On :   7 Nov 2021 5:29 PM IST

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