राष्ट्रीय टैरिफ पॉलिसी में शीघ्र होगा सुधार, उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत

National tariff policy will improve soon, consumers will get relief
राष्ट्रीय टैरिफ पॉलिसी में शीघ्र होगा सुधार, उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत
राष्ट्रीय टैरिफ पॉलिसी में शीघ्र होगा सुधार, उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्र सरकार विद्युत अधिनियम 2003 में संशोधन करने जा रही है। यदि यह संशोधन होता है, तो अन्य बदलाव के साथ विद्युत उपभोक्ता भी इससे लाभान्वित होंगे। वितरण कंपनियों की जिम्मेदारी तय होगी और सेवा में कोताही पर हर्जाना लगाने का भी प्रस्ताव है। विद्युत अधिनियम में केंद्र सरकार को अधिकार दिया गया है कि, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण व राज्य सरकारों के परामर्श से समय-समय पर राष्ट्रीय टैरिफ नीति बना सके। जो केंद्रीय व राज्य विद्युत नियामक आयोग के लिए दिशा-निर्देश का कार्य करे। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने राष्ट्रीय टैरिफ नीति में सुधार जारी किए थे। इस पर सुझाव भी मंगवा लिए गए हैं।  

संशोधनों में कई संशोधन उपभोक्ता को सशक्त करेंगे, इससे विद्युत उपभोक्ताओं को राहत भी मिलेगी और अधिकार भी। जानकारी के अनुसार नीति में यह जोड़ा जाएगा कि, यदि तकनीकी खराबी या आपात कारणों के अलावा यदि कहीं पर विद्युत आपूर्ति बाधित होती है, तो वितरण कंपनी पर जुर्माना लगाया जाए और इसे प्रभावित उपभोक्ताओं में बांटा जाए। इसके अलावा विद्युत दर को काबू में करने के लिए संशोधन किया जा सकता है कि, अस्तियों (संपत्ति) का पूर्ण मूल्य ह्रास होने के बाद उसका लाभ अनिवार्य रूप से उपभोक्ताओं को विद्युत दर के रूप में दिया जाए। अभी तक यह लाभ विद्युत निर्मिति कंपनियां अपने पास ही रख लेती थीं। 

नीति में संशोधन होने के बाद विद्युत वितरण कंपनियों के लिए यह अनिवार्य हो जाएगा कि, वे अपने क्षेत्र के लिए साल भर की औसत खपत के लिए दीर्घकालीन व मध्यकालीन करार करें। यदि ऐसा करने में वे असफल हुईं, तो उनका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है। इससे उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण व स्थिर विद्युत आपूर्ति हो सकेगी। इसके अलावा वितरण कंपनियां अपनी अकर्मण्यता को उपभोक्ताओं पर स्थानांतरित नहीं कर पाएंगी। नीति में प्रस्तावित संशोधन में यह भी प्रस्ताव है कि, संबंधित आयोग 2019 के बाद 15 प्रतिशत से अधिक विद्युत हानि को दर वृद्धि प्रस्ताव में समाहित नहीं कर सकेंगे। साथ ही वर्ष 2022 के बाद 10 प्रतिशत हानि ही मान्य होगी। इससे विद्युत दरों में कमी आएगी। नीति में संशोधन आने के 60 दिनों के अंदर संबंधित आयोग वितरण कंपनियों के स्टेंडर्ड ऑफ परफार्मेंस में उपभोक्ता सेवा में गुणवत्ता, निरंतरता व विश्वसनीयता से संबंधित अधिसूचना जारी करेंगे। इसके अलावा प्री-पेड मीटर, क्रॉस सब्सिडी को धीरे-धीरे कम करने की दिशा में भी कार्य करने के निर्देश हैं। 
 

Created On :   16 Aug 2018 11:29 AM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story