नक्सल समर्थक प्रोफेसर साईबाबा की पत्नी ने ली हाइकोर्ट की शरण

Naxal supporter Professor Saibabas wife surrendered to the High Court
नक्सल समर्थक प्रोफेसर साईबाबा की पत्नी ने ली हाइकोर्ट की शरण
नक्सल समर्थक प्रोफेसर साईबाबा की पत्नी ने ली हाइकोर्ट की शरण

डिजिटल डेस्क,नागपुर। माओवादी गतिविधियों और उसकी विचारधारा फैलाने का दोषी दिल्ली यूनिवर्सिटी का प्रोफेसर जी. एन. साईबाबा  नागपुर मध्यवर्ती कारागृह में प्रोफेसर उम्रकैद की सजा काट रहा है|  विकलांग साईबाबा को समय - समय पर इलाज की जरूरत पड़ती है| साईबाबा की पत्नी ने  सरकार द्वारा  इलाज में लापरवाही बरतनेे का आरोप लगाया है।  साईबाबा की पत्नी वसंता साईबाबा ने हाइकोर्ट में दायर अपनी अर्जी में अपने पति के इलाज के दौरान अस्पताल में उसके साथ रहने की अनुमति मांगी है| मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने वसंता साईबाबा का पक्ष सुनकर एक सप्ताह में सरकार से जवाब मांगा है|

गड़चिरोली सत्र न्यायालय को हाईकोर्ट में दी है चुनौती
उल्लेखनीय है कि गडचिरोली सत्र न्यायालय ने साईंबाबा को नक्सल समर्थक मानते हुए दोषी करार दिया था। गड़चिरोली सत्र न्यायालय के फैसले को साईबाबा ने हाइकोर्ट में चुनौती दे रखी है। इसी याचिका के साथ उसकी पत्नी की अर्जी भी जोड़ी गई है| बता दें गड़चिरोली जिला व सत्र न्यायालय ने प्रोफेसर जी. एन. साईबाबा और अन्य पांच को नक्सलियों की मदद करने का दोषी पाया है। न्यायालय ने प्रोफेसर साईबाबा, हेम मिश्रा, प्रशांत राही, महेश तिरकी, पांडू नरोटे को उम्रकैद और विजय तिरकी को 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। 

प्रतिबंधित संगठन का सदस्य है दोषी
निचली अदालत ने देश विरोधी गतिविधियों और प्रतिबंधित संगठन के सदस्य होने का दोषी पाया था। गड़चिरोली पुलिस ने दिल्ली के जेएनयू विश्वविद्यालय के विद्यार्थी हेम मिश्रा को अगस्त 2013 में महेश तिरकी और पांडू नरोटे के साथ अहेरी से गिरफ्तार किया था। हेम मिश्रा से पूछताछ के बाद पुलिस ने सितंबर 2013 में प्रशांत राही काे भी गिरफ्तार किया। नक्सली नेता गणपति व नर्माद अक्का और प्रोफेसर साईबाबा के बीच मध्यस्थता करने का दावा पुलिस की ओर से किया गया। 23 दिसंबर 2015 साईबाबा ने भी आत्मसमर्पण कर दिया था। मामले में सरकार की ओर से विशेष सरकारी वकील पी.सत्यनाथन ने पक्ष रखा।

 

Created On :   3 April 2018 10:21 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story