B.Sc., BCA में एडमिशन के लिए चाहिए इंजीनियरिंग से अधिक अंक, बढ़ा क्रेज

Need more marks for admission in BSc, BCA compare to engineering
B.Sc., BCA में एडमिशन के लिए चाहिए इंजीनियरिंग से अधिक अंक, बढ़ा क्रेज
B.Sc., BCA में एडमिशन के लिए चाहिए इंजीनियरिंग से अधिक अंक, बढ़ा क्रेज

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  इंजीनियरिंग में प्रवेश की राह B.Sc.या BCA जैसे पारंपारिक पाठ्यक्रमों से कहीं ज्यादा आसान हो गई है। फिलहाल इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए ओपन श्रेणी के विद्यार्थियों को 12वीं कक्षा में  50 प्रतिशत अंक हासिल करना जरूरी होता है। वहीं, उन्हें अगर अच्छे कॉलेज में B.Sc.में प्रवेश लेना हो तो उन्हें 12वीं में कम से कम 61 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है। इसी तरह अगर BCA में प्रवेश लेना हो तो 12वीं कक्षा में करीब 55 प्रतिशत अंक जरूरी है। यही कारण है कि इंजीनियरिंग में एंट्री B.Sc.या BCA जैसे पारंपारिक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने से ज्यादा आसान हो गई है।

स्टूडेंट्स की रूचि बदली
गत वर्ष की ही तरह इस वर्ष भी विद्यार्थियों का रुझान इंजीनियरिंग से दूर B.Sc.और BCA जैसे पारंपारिक पाठ्यक्रमों की ओर है। पिछले कुछ वर्षों से जारी ऐसे ही रुझानों ने उच्च शिक्षा के समीकरण बदल कर रख दिए हैं। पूर्व में जहां इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के लिए विद्यार्थियों को जी जान लगानी पड़ती, अब ये कॉलेज विद्यार्थियों के लिए तरस रहे हैं। इस दौरान साइंस कॉलेजों की ओर वे ही विद्यार्थी रुख करते जो किसी कारणवश इंजीनियरिंग या अन्य किसी व्यवसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं ले पाते। लेकिन अब ऐसा नहीं है, साइंस कॉलेजों में इन दिनों ऐसी स्थिति है कि कॉलेज अपनी स्वतंत्र काउंसिलिंग प्रक्रिया आयोजित करते हैं और सीटें फुल होने के बाद भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी वेटिंग लिस्ट में होते हैं। नागपुर विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की करीब 20 हजार सीटें हैं। पिछले करीब चार वर्षों से ये सीटें आधी ही भर पाती हैं। वहीं BCA की 20 हजार और BCA की 16 हजार सीटें लगभग फुल होती हैं। कई विद्यार्थी वेटिंग पर होते हैं।

कई विकल्प खुल जाते हैं
पारंपारिक पाठ्यक्रमों में डिग्री हासिल करने के बाद विद्यार्थियों के पास कई विकल्प खुल जाते हैं। कंपनियां सिंपल ग्रेजुएट उम्मीदवारों को नियुक्त करके उन्हें अपने अनुसार प्रशिक्षित करती हैं। विद्यार्थी चाहें तो प्रतिस्पर्धा परीक्षाओं की तैयारियां भी करते हैं, इसीलिए विद्यार्थी पारंपारिक पाठ्यकमों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। प्रवेश के लिए प्रतिस्पर्धा पढ़ने के कारण 12वीं कक्षा में अधिक अंक लाना जरूरी हो गया है। 
(डॉ.संजय चरलवार, प्राचार्य मोहता साइंस कॉलेज)

बाद की स्थिति अलग हो जाती है

ये बात तो सही है कि इन दिनों इंजीनियरिंग में प्रवेश पाना  B.Sc.या BCA में प्रवेश पाने से ज्यादा अासान हो गया है, लेकिन प्रवेश लेने के बाद की स्थिति अलग होती है। पारंपारिक पाठ्यक्रमों की तुलना में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कही ज्यादा मुश्किल होती है। इंजीनियरिंग विद्यार्थियों की विश्लेषणात्मक क्षमता को बढ़ाती है, जो आगे उन्हें फायदा देती है। 
(डॉ.प्रशांत कडू, प्राचार्य, अाभा गायकवाड पाटिल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग)

Created On :   18 Jun 2018 8:58 AM GMT

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