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लापरवाही... जिला अस्पताल में खुले पड़े इलेक्ट्रिक कंट्रोल रूम

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल में बड़े बिजली फाल्ट और इसके चलते अनहोनी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। वजह पांच मंजिला बिल्डिंग में बिछे बिजली केबल के जाल और उपकरण की अनदेखी को माना जा सकता है। अनदेखी ऐसी कि यहां एमपीईबी की टीम ने पांच मंजिला बिल्डिंग का निरीक्षण कर कई खामियां निकाली थी। इन त्रुटियों को दूर कर शार्ट सर्किट जैसी अप्रिय घटना को टाला जा सकता है। 20 अप्रैल 2021 को निरीक्षण के बाद 12 से 13 बिंदुओं पर त्रुटियां गिनाते हुए एमपीईबी को दुरुस्त करने विद्युत वितरण कंपनी द्वारा दी गई हिदायत और सलाह को भी नजरअंदाज कर दिया गया।
जिला अस्पताल की हर फ्लोर में इलेक्ट्रिक कंट्रोल रूम बने है, लेकिन यह हमेशा खुले रहते है। यहां सुरक्षित तरीके से वायरिंग तक नहीं है। खुले इलेक्ट्रिक कंट्रोल रूम की देखरेख में बरती जा रही लापरवाही घातक साबित हो सकती है। बड़ी बात तो यह है कि पूरे अस्पताल की बिजली व्यवस्था के लिए कोई जवाबदार अधिकारी भी नियुक्त नहीं किया गया है। अस्पताल के 33 केवी सब स्टेशन और पांच मंजिला अस्पताल की बिजली व्यवस्था आरकेएस के दो इलेक्ट्रिशियन के हवाले है, जबकि इसके लिए इंजीनियरों की नियुक्ति की जानी चाहिए।
फायर सिस्टम लगाया पर कभी चलाकर ही नहीं देखा
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक अस्पताल की नई बिल्डिंग में आग से बचाव के लिए फायर सिस्टम लगा तो लिए गए। लेकिन इस सिस्टम को आज तक चलाकर नहीं देखा गया। हालत यह है कि फायर सिस्टम में लगे कीमती सामान चोरी हो चुके है। बचे उपकरण काम कर रहे है या नहीं, यह जानने प्रबंधन ने आज तक आगजनी को लेकर मॉकड्रिल नहीं किया।
विद्युत कंपनी ने निकाली थी यह कमियां, जिन्हें दूर किया जाना था-
1. इलेक्ट्रिक कंट्रोल रूम में इंकमिंग केबल दरवाजे के सामने से असुरक्षित तरीके से बिछाए गए है। इन्हें केबल ट्रेंच में से ले जाए और ट्रेंच ढंके।
2. कंट्रोल रूम से ऊपरी तलों की ओर जाने वाले केबल्स ट्रे को कवर करें।
3. मुख्य कंट्रोल पैनल पर लगे फ्लोर के एसबी को नामांकित करें।
4. मेन कंट्रोल बोर्ड एवं सब कंट्रोल बोर्ड पर खतरांकित नोटिस लगाएं।
5. कंट्रोल बोर्ड पर सर्किट के लिए लगे एमसीबी को चिन्हित करें।
6. आग से सुरक्षा के लिए अग्रिशामक यंत्र रखे और रिफलिंग प्रमाण पत्र से अवगत करें, साफ और सूखी रेत से भरी बाल्टियां पहुंच क्षेत्रों में रखें।
7. प्रत्येक सर्किट हेतु उचित क्षमता के कटआउट/एमसीसीबी लगाएं और उचित क्षमता में लोड रखना सुनिश्चित करें।
8. अर्थ पिट्स को नामांकित करें और रख-रखाव सुनिश्चित करें।
9. आईसीयू वार्ड के उपकरणों/ मशीनों को अर्थ से जोडऩा सुनिश्चित करें।
10. आईसीयू वार्ड के सभी एमसीसीबी को चिन्हित किया जाए ताकि आपातकालीन स्थिति में संबंधित एमसीबी को ही ऑपरेट किया जा सके।
11. अस्पताल के संपूर्ण विद्युत वायरिंग हेतु मुख्य परिपथ/ नियंत्रण स्वीच को दर्शाते हुए सिंगल लाइन डायग्राम तैयार करें।
12. विद्युत स्थापना की देखरेख एवं कार्य के लिए तीनों शिफ्ट के लिए प्राधिकृत वायरमेनों की नियुक्ति की जाए।
(स्वास्थ्य विभाग द्वारा 8,9,10,11 बिंदुओं की त्रुटियों को दुरुस्त कराया गया है, शेष कमियां अब तक दूर नहीं की गई है।)
क्या कहते हैं अधिकारी-
जिला अस्पताल में मौजूदा कमियों को दूर कर फायर सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा। वहीं विद्युत वितरण कंपनी के सुझाव और कमियों को जल्द दूर कर बेहतर व्यवस्था बनाई जाएगी।
- डॉ.शिखर सुराना, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
Created On :   10 Nov 2021 10:51 PM IST