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पेड़ों को काटने और उसके बदले पौधे लगाने के नाम पर मनपा भर रही है झोली

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर काे महत्वाकांक्षी शहर के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन इसके अंदरूनी हालात काफी दर्दनाक हैं। यहां बड़ी-बड़ी महत्वाकांक्षी योजनाएं साकार हो रही हैं, तेजी से विकास हो रहा है, लेकिन इसके साथ ही यहां का पर्यावरण भी खतरे में आ चुका है। हरे-भरे पेड़ों को काटने और उनके बदले नए पौधे लगाने के लचर नियमों के कारण यहां की हरियाली पर खतरा मंडरा रहा है।
नागपुर महानगर पालिका के उद्यान विभाग पेड़ों को काटने और उसके बदले पौधे लगाने के नाम पर अनुमति तो दे देता है, लेकिन बाद में पौधे नहीं लगाए जाने पर नोटिस देकर जिम्मेदारी से इतिश्री कर लेता है। ऐसे एक-दो मामले में नहीं बल्कि सालभर में 43 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। इन लोगों ने 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 तक 1860 पेड़ काटे हैं। इन्हें 9430 पौधे लगाकर उसका संवर्धन करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अब विभाग ने इनसे पौधारोपण किया या नहीं, इसकी रिपोर्ट मांगी है। खबर लिखे जाने तक विभाग के पास एक भी सकारात्मक रिपोर्ट नहीं आई थी। पेड़ काटने और पौधे लगाने के बदले में संबंधित आवेदनकर्ता से बतौर डिपॉजिट राशि के रूप में 93 लाख रुपए प्राप्त हुए हैं। जो पौधारोपण करने वालों को उनके अनुपात में लौटानी पड़ती है। यह राशि वापस मांगने अब तक कोई नहीं आया है। इसके अलावा नॉन रिफंडेबल राशि के रूप में प्रशासकीय शुल्क 9.30 लाख रुपए मनपा को मिले हैं।
मनपा उद्यान विभाग के अधिकारियों के अनुसार पेड़ काटने और पौधारोपण करने के लिए नियम हैं। इस नियम के अनुसार शहर में कहीं भी पेड़ काटने के लिए सबसे पहले उद्यान विभाग की अनुमति लेनी होती है। इसके लिए एक आवेदन करना पड़ता है। आवेदन में आवेदक का नाम, पेड़ काटने की आवश्यकता के कारण, पेड़ की आयु व पता, उसके फोटो आदि देने पड़ते हैं। उद्यान विभाग के पास आवेदन आने पर विभाग की टीम संबंधित पेड़ का मुआयना करती है। इसके बाद ही अनुमति दी जाए या नहीं, यह तय किया जाता है। जरूरी होने पर पेड़ काटने की अनुमति दी जाती है लेकिन इसमें एक अहम शर्त होती है। शर्त के अनुसार आवेदनकर्ता को एक पेड़ के बदले पांच पौधे लगाने पड़ते हैं। इसके लिए स्थान दिखाना जरूरी होता है। इन पांच पौधों का तीन साल तक संवर्धन करना संबंधित आवेदनकर्ता की जिम्मेदारी होती है। एक पेड़ काटने के बदले आवेदनकर्ता को 5 हजार रुपए डिपॉजिट के तौर पर मनपा को देने पड़ते है। इसके अलावा 500 रुपए प्रशासकीय शुल्क देना पड़ता है। यदि आवेदनकर्ता ने एक पेड़ के बदले पांच पौधे लगाकर तीन साल तक उसका संवर्धन किया तो उसकी जमानत राशि लौटा दी जाती है। इस राशि को पाने के लिए विभाग को रिपोर्ट देनी पड़ती है। पौधे यदि पेड़ का रूप ले चुके हैं, तो उनके फोटोग्राफ्स उद्यान विभाग के पास जमा करने पड़ते हैं। इसके बाद पुन: विभाग की टीम मौके पर जाकर मुआयना करती है। सब कुछ ठीकठाक मिलने पर राशि लौटा दी जाती है। जो लोग पेड़ काटकर पौधे लगाना भूल जाते हैं, उन्हें नोटिस जारी किया जाता है।
Created On :   28 Aug 2017 9:28 PM IST