स्टाफ सिलेक्शन की लापरवाही : पीछे छूट गया इंस्पेक्टर, कम रैंकवाले को मिली पदोन्नति 

Negligence of Staff Selection : Low Ranker got promotion
स्टाफ सिलेक्शन की लापरवाही : पीछे छूट गया इंस्पेक्टर, कम रैंकवाले को मिली पदोन्नति 
स्टाफ सिलेक्शन की लापरवाही : पीछे छूट गया इंस्पेक्टर, कम रैंकवाले को मिली पदोन्नति 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। छह साल पहले स्टाफ सिलेक्शन कमिशन द्वारा की गई लापरवाही का खामियाजा सेंट्रल जीएसटी एंड कस्टम्स के इंस्पेक्टर शंकरप्रसाद को भुगतना पड़ रहा है। परीक्षा में कम अंक लेनेवाले साथी इंस्पेक्टरों को अधीक्षक के पद पर पदोन्नति मिल गई है। उपराजधानी में पदस्थ शंकरप्रसाद का स्टाफ सिलेक्शन कमिशन द्वारा ली गई, परीक्षा के माध्यम से चयन हुआ है। 2011 में इंस्पेक्टर पद के लिए परीक्षा हुई और 2012 में नतीजे घोषित हुए थे। शंकरप्रसाद को 139 वां रैंक मिला था, जबकि इसी परीक्षा में चंद्रप्रकाश व विकासरंजन को 1438 व 1421 वां रैंक मिला था। मेरिट लिस्ट के आधार पर रैंक जारी होता है, जिसे ज्यादा अंक उसे पहले डोजियर (चयन संबंधी कागजात) भेजा जाता है। स्टाफ सिलेक्शन कमिशन की तरफ से चंद्रप्रकाश व विकासरंजन को पहले डोजियर भेजा गया था, उसके 5 महीने बाद शंकरप्रसाद को डोजियर भेजा गया था। सीजीएसटी एंड कस्टम्स की विभागीय पदोन्नति कमेटी (डीपीसी) ने हाल ही में जो पदोन्नति सूची जाहिर की, उसमें शंरप्रसाद का नाम नहीं है, जबकि चंद्रप्रकाश व विकासरंजन को अधीक्षक के पद पर पदोन्नति मिल गई। स्टाफ सिलेक्शन द्वारा छह साल पहले की गई लापरवाही शंकरप्रसाद पर भारी पड़ गई। 

मुख्य आयुक्त को दिया निवेदन 

सीजीएसटी, कस्टम्स एण्ड सेंट्रल एक्साइज एससी, एसटी एण्ड आेबीसी कर्मचारी संगठन ने पूरे मामले की जानकारी विभाग के मुख्य आयुक्त भोपाल को निवेदन के माध्यम से देकर अविलंब शंकरप्रसाद को पदोन्नति देने की मांग की है। 2012 में जारी हुए नतीजे में मिले रैंक संबंधी दस्तावेज भी पेश किए गए है। 

बोर्ड के चेयरमैन से करेंगे गुहार 

एससी-एसटी-ओबीसी कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन के महासचिव संजय थुल के मुताबिक मेरीट के आधार पर रैंक जारी होता है। मेरीटवालों को पहले मौका मिलता है। स्टाफ सिलेक्शन कमिशन ने भले ही लापरवाही की, लेकिन नतीजे की सूची विभाग के पास मौजुद रहती है। दिल्ली स्थित इनडायरेक्ट टैक्सेस बोर्ड के चेयरमैन को निवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई जाएगी। डीपीसी ने रैंक पर ध्यान देना चाहिए था। मुख्य आयुक्त भोपाल को दस्तावेजों के साथ पहले ही निवेदन दे दिया गया है। 

Created On :   18 Jun 2019 7:37 PM IST

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