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पड़ोसी ने पत्नी को वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेला, पति ने लगाई कोर्ट में गुहार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अमरावती के रवि नगर निवासी विनोद (परिवर्तित नाम) ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर कर घर से जा चुकी अपनी पत्नी, 11 वर्षीय बेटे और 7 वर्षीय बेटी को प्रस्तुत करने के आदेश जारी करने की विनती की है। उसका आरोप है कि, आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के सौजन्या सिंधु , बॉबी सिंधु व अन्य आरोपी ने उसकी पत्नी को वेश्यावृत्ति के लिए बंधक बना कर रखा है। मामले में याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर न्यायमूर्ति जेड.ए. हक और न्यायमूर्ति पुष्पा गनेडीवाला की खंडपीठ ने राजापेठ पुलिस को 18 नवंबर को याचिकाकर्ता की पत्नी और दो बच्चों को कोर्ट में प्रस्तुत करने के आदेश जारी किया है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. आदिल मिर्जा और एड. पूनम मून ने पक्ष रखा।
ऊंची लाइफ स्टाइल का दिया लालच
वर्ष 2008-09 में याचिकाकर्ता हैदराबाद में नौकरी करता था। ये आरोपी उसके पड़ोसी थे, तब उसकी पत्नी आरोपियों के संपर्क में आई थी। याचिकाकर्ता के अनुसार आरोपियों ने उसकी पत्नी को रुपए पैसे और ऊंची लाइफ स्टाइल का लालच देकर वेश्यावृत्ति के लिए मनाने की कोशिश की। यह पता चलते ही याचिकाकर्ता अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर अपने मूल गांव बल्लारशाह आ गया। अप्रैल-2013 में उसकी पत्नी ने एक बेटी को जन्म दिया। याचिकाकर्ता के अनुसार आरोपियों के प्रभाव के कारण उसकी पत्नी का बर्ताव बदल गया, वह अधिक वस्तुओं और पैसों की मांग करने लगी। पूरा नहीं कर पाने पर अंतत: 25 अगस्त-2013 को वह बच्चों के साथ घर से चली गई। आरोपी ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई। तीन वर्ष बाद 2016 में एक दिन उसकी पत्नी का फोन आया कि, वह विजयवाड़ा में है और उसे अपनी गलती का अहसास हो गया है। पति ने उसे माफ कर दिया और वापस ले आया। इसके बाद वे अमरावती में रहने लगे।
दूसरी बार घर से चली गई
इसके बाद भी पत्नी के बड़े अरमान खत्म नहीं हुए। अमरावती में पत्नी की पड़ोस की एक महिला से दोस्ती हो गई। इसी बीच आरोपी लगातार उसकी पत्नी के संपर्क में थे। उनके बढ़ावे पर पत्नी अपने दोनों बच्चों को लेकर दोबारा विजयवाड़ा चली गई। इस बार पड़ोसन सहेली भी उसके साथ गई। पड़ोसन तो तीन माह में घर लौट आई, लेकिन याचिकाकर्ता की पत्नी और बच्चे वहीं रह गए। पड़ोसन द्वारा पुलिस को दिए गए बयान के कारण आरोपी सिंधु परिवार ही याचिकाकर्ता की पत्नी और बच्चों को घर लौटने नहीं दे रहा है। मामले में पुलिस की अकार्यक्षमता से नाराज पति ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
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कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।