चुनाव में कालाधन रोकने नेट बैंकिंग लागू हो

Net banking should apply on the election to stop black money
चुनाव में कालाधन रोकने नेट बैंकिंग लागू हो
चुनाव में कालाधन रोकने नेट बैंकिंग लागू हो

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार पूरे देश को डिजिटल बनाने की कवायद कर रही है। आनलाइन व नेटबैंकिंग पर जोर दिया जा रहा है। अन्य आर्थिक व्यवहार के लिए सरकार पेटीएम और नेट-बैंकिंग की सलाह देती है। ऐसे में फिर चुनावी खर्च के लिए पेटीएम और नेट-बैंकिग की उपयोग क्यों नहीं किया जाता? सही मायनों में काले धन का उपोयग तो चुनावों में होता है। डेमोक्रेटिक एडवोकेट एसोसिएशन फॉर कांस्टीट्यूशनल राईट्स (डाका) ने आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में यह प्रश्न उपस्थित किया।

सरकार को लिया आड़े हाथ
मौजूदा विषयों को लेकर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए संगठन ने कहा है कि मौजूदा समय में संपूर्ण देश में लोकतंत्र, संविधान, किसान, युवा और बेरोजगार संकट में है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि संस्थान ऐसी पार्टी के लिए मतदान करे, जो संविधान में उल्लेखित उद्देश्य का पूरी तरह पालन करती हो। संगठन मुख्य संयोजक एड.संजय पाटील ने कहा कि हम सब संविधान के आधार पर ही चरितार्थ करते हैं। वकीलों के माध्यम से एक आम व्यक्ति हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक न्याय के लिए गुहार लगाता है। इसी आम व्यक्ति को संविधान के तत्व मालूम चलें और इस आधार पर वे सही उम्मीदवार को मतदान करें, इसलिए संगठन ने इस दिशा में पहल की है। 

अंतरराष्ट्रीय नीति तैयार न होने से नाराजगी
संविधान लागू होने से लेकर किसी भी सरकार ने पूरी तरह संविधान लागू नहीं किया है। भारत की आज भी अंतरराष्ट्रीय नीति तैयार नहीं हुई है। संविधान जलाना भी एक प्रकार का दहशतवाद है। ऐसे दहशतवादियों को फांसी क्यों नहीं दी जाती? यह प्रश्न भी संगठन ने उपस्थित किया। संविधान जलाने के बाद प्रधानमंत्री से लेकर तो पुलिस प्रशासन ने कोई गंभीर संज्ञान नहीं लिया। प्रेस कांफ्रेंस में उपस्थित मान्यवरों ने इस मौके पर  चुनाव में नेटबैंकिंग पर अपनी-अपनी राय रखी। प्रेस कांफ्रेंस में एड.मानवींद्र आवले,एड. नितीन देशमुख, एड.अजय निकोसे, एड.ऋतुजा परसपगार, एड.नीना उके, एड.शालिनी गोडबोले और अन्य अधिवक्ताओं की उपस्थिति थी।  

Created On :   10 April 2019 12:36 PM IST

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