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सौर पंप से निकालेंगे हैंडपंप से पानी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जलसंकट निवारण के लिए नई तरकीब निकाली गई है। हैंडपंप से अब सौरपंप के सहारे पानी निकाला जाएगा। वैसे तो ग्रामीण क्षेत्र में बाेरवेल खोदकर हैंडपंप लगाने की योजना चलाई जाती है। याेजना के अंतर्गत 200 फीट गहरा बोरवेल खोदा जाता है। इसमें हैंडपंप लगाकर पानी निकाला जाता है। हैंडपंप से केवल 120 फीट गहराई तक का ही पानी निकाला जा सकता है। 80 फीट गहरे बोरवेल के पानी का उपयोग नहीं हो पाता लेकिन तीव्र जलसंकट में इस पानी को उपयोग में लाने के लिए जिला परिषद के सिंचाई विभाग में उपअभियंता निलेश मानकर ने हैंडपंप में आधा एचपी का सौर पंप जोड़कर पानी निकालने की नई योजना बनाई है।
जलसंकट में मिलेगी राहत
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष औसत से कम बारिश होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र में अनेक गांवों को जलसंकट का सामना करना पड़ा। जलसंकट निवारण उपाय योजना के अंतर्गत बोरवेल खाेदने के काम शुरू किए गए हैं। एक बोरवेल पर लगभग 1 लाख रुपए खर्च किया जाता है। 200 फीट गहरा बोरवेल खोदकर इसमें हैंडपंप लगाया जाता है। परंतु हैंडपंप की क्षमता 120 फीट गहराई तक ही पानी निकालने की है। 80 फीट बाेरवेल का पानी व्यर्थ पड़ा रहता है। इसे उपयोग में लाने पर नए बाेरवेल पर लाखों रुपए खर्च करने की नौबत नहीं आएगी।
टंकी में चढ़ाकर नल से छोड़ा जाएगा
हैंडपंप से नहीं निकलने वाला पानी सौर पंप से निकाला जाएगा। इसे संग्रहित करने के लिए हैंडपंप से पास 2 हजार लीटर की टंकी बनाकर एक नल लगाया जाएगा। टंकी में पानी चढ़ाकर नल से छोड़ा जाएगा। अति जलसंकट में नागरिकों को नल से पानी देने की सुविधा की जाएगी।
पालकमंत्री को भेजा जाएगा प्रस्ताव
जिला परिषद में जलप्रबंधन की बैठक में योजना का प्रस्ताव रखा। इसे सभा ने सहमति दी। प्रस्ताव पालकमंत्री को भेजा जाएगा। इसका प्रात्याक्षिक भी पालकमंत्री के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। पालकमंत्री से हरी झंडी मिलने इसे अमल में लाया जाएगा। देश में अपने-आप में इस प्रकार की पहली योजना होने का उपअभियंता मानकर ने दावा किया।
बोरवेल के पास गड्ढा खोदकर रिचार्ज करने का प्रस्ताव
नागपुर जिले में कलमेश्वर, हिंगना, नरखेड़ और काटोल तहसील में जलस्तर काफी नीचे है। इन तहसीलों में जलस्तर 300 फीट से अधिक गहराई में है। जलसंकट निवारण उपाययोजना अंतर्गत 200 फीट तक ही बोरवेल खोदने का प्रावधान है। जलस्तर काफी गहराई में रहने से 200 फीट खोदे गए बोरवेल सूखे पड़े हैं। इस पर किया गया खर्च व्यर्थ चला गया। सूखे बोरवेल का जल पुनर्भरण के लिए उपयोग करने का सुझाव उपअभियंता मानकर ने दिया। उन्होंने बताया कि सूखे बोरवेल से जलपुनर्भरण करने पर जलस्तर बढ़ाया जा सकता है। 5 फीट गड्ढा खोद कर इसमें जमा हुए पानी का बोरवेल से जलपुनर्भरण किया जा सकता है। सूखे बोरवेल का जलपुनर्भरण के लिए उपयोग करने का सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
Created On :   23 April 2018 11:36 AM IST