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न्यू इंडिया समिट: अब पूरा होगा अपने घर का सपना

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अपना खुद का घर बनाने का सपना हर किसी का होता है। इसी सपने को पूरा करने की दिशा में न्यू इंडिया समिट का आयोजन नागपुर में किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना मिशन के तहत किफायती घर के सपने को साकार करने के लिए अपनाई जानेवाली उपाय योजनाओं को लेकर 9 और 10 नवंबर को क्रेडाई की ओर से न्यू इंडिया समिट का आयोजन किया जा रहा है।
पहले श्रेणी के शहरों को छोड़ दूसरे और तीसरे श्रेणी के शहरों में राष्ट्रीय सम्मेलन का आगाज पहली बार नागपुर से होने जा रहा है। सम्मेलन में देश भर से करीब 900 बिल्डरों के पहुंचने की संभावना क्रेडाई नागपुर की ओर से आयोजित पत्र-परिषद के दौरान अध्यक्ष अनिल नायर ने जताई। उन्होंने बताया कि इन द्वतीय और तृतीय श्रेणी के शहरों में किफायती दामों में घर उपलब्ध कराने केलिए अपनाई जाने वाली उपाय योजनाओं पर मंथन किया जाएगा। साथ ही देश में भविष्य के 50 शहरों की सम्भावनाओं को लेकर रिपोर्ट पेश की जाएगी।
रिपोर्ट के 30 पन्नों में से 15 पर अकेले नागपुर
खास बात यह है कि इस रिपोर्ट के 30 पन्नों में से 15 पन्ने अकेले नागपुर शहर की संभावनाओं पर प्रकाश डाला गया है। लॉजिस्टिक से लेकर पर्यटन, डिफेंस आदि की खूबियों को दर्शाकर निवेशकों को नागपुर की ओर आकर्षित किया जाएगा। इससे विदेशी निवेश को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। अमेरिकन इंवेस्टमेंट कम्पनी जेएलएल(जोन्स ला सेल इनकॉर्पोरेटेड) की ओर से भविष्य के इन पचास शहरों का खाका तैयार किया गया है। इससे पहले क्रेडाई का सम्मेलन दुबई में आयोजित किया गया था।
मुख्य मकसद यह
अनिल नायर ने बताया कि इससे पहले प्रथम श्रेणी के शहरों में ही यह सम्मेलन आयोजित किए जाते थे, लेकिन पहली बार दूसरे और तीसरे श्रेणी में आनेवाले शहरों में सम्मेलन लिया जा रहा है। इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री की किफायती दरों में मकान दिलाने की योजना को मूर्त रूप प्रदान करना मुख्य मकसद है।
470 सदस्यों ने पंजीयन कराया
क्रेडाई में देश भर से 12 हजार सदस्य जुड़े हुए हैं, 23 राज्यों के 171 शहरों में क्रेडाई कार्यरत है। कुल सदस्यों में 5 हजार सदस्य प्रथम श्रेणी के शहरों से हैं। सम्मेलन केलिए अभी 900 सदस्यों के पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें से 470 सदस्यों ने पंजीयन करा भी लिया है। पत्रपरिषद में मौजूद सुरजीत रॉय ने कहा कहा कि सम्मेलन में 50 डेवलपर्स की प्रोफाइल पर आधारित एक कॉपीटेबल बुक का लोकार्पण किया जाएगा। साथ ही स्वच्छ भारत मिशन को किस तर्ज में अपनाया जाए और उसके लाभ क्या मिल सकते हैं, इसकी जानकारी दी जाएगी। जेएलएल की ओर से तकनीकी परामर्श भी मिल रहा है। सुजॉय जेकब ने बताया कि इस सम्मेलन में 3 साल के विकास को देखा जाएगा। ये विकास दूसरी और तीसरी श्रेणी की छिपी क्षमताओं को सबके सामने लाया जाएगा। इसलिए सम्मेलन को भारत के भविष्य के शहरों की भोर की थीम रखी गई है। महेश साधवानी ने कहा कि ये सम्मेलन बिल्डरों केलिए शिक्षासत्र की तरह होगा।
विदेशी निवेश बढ़ाने जीएसटी और रेरा साबित होंगे सहायक
रिएलिटी और डेवलपर्स क्षेत्र में विदेशी निवेश को आकर्षित करने में अब तक बहुत परेशानी होती थी। लेकिन जीएसटी और रेरा(रिअल एस्टेट रेगुलेटरी एथॉरिटी) लगने से गृह निर्माण उद्योग में अधिक पारदर्शिता आई है। इस क्षेत्र में यह पारदर्शिता अधिक जरूरी है। इस सिस्टम से देश की रैंकिंग में सुधार आएगा, इससे आनेवाले समय में विदेशी निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
Created On :   28 Oct 2017 5:02 PM IST