नए मां-बाप के पास उज्ज्वल है बच्ची का भविष्य, दंपति को दी गोद लेने की अनुमति 

New parents have a bright future for the child, the couple is allowed to adopt
नए मां-बाप के पास उज्ज्वल है बच्ची का भविष्य, दंपति को दी गोद लेने की अनुमति 
अदालत की दो टूक नए मां-बाप के पास उज्ज्वल है बच्ची का भविष्य, दंपति को दी गोद लेने की अनुमति 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एक 7 माह की बच्ची के बेहतर भविष्य और उसकी प्राकृतिक मां की खराब स्थिति को देखते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने नागपुर निवासी एक दंपति को बच्ची गोद लेने की अनुमति दी। हाईकोर्ट ने नागपुर जिला न्यायालय के उस फैसले को खारिज कर दिया है, जिसके तहत निचली अदालत ने बच्ची को गोद लेने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। दरअसल, याचिकाकर्ता दंपति का विवाह दिसंबर 2008 में हुआ था। उन्हें कोई संतान नहीं है। पति व्यवसायी है और पत्नी एक निजी बैंक में मैनेजर है। कोई संतान न होने के कारण इस दंपति ने बच्चा गोद लेने का फैसला लिया। एक परिचित के जरिए उनकी मुलाकात एक महिला से हुई, जिसकी एक 7 महीने की बेटी है। इसके अलावा उसे पहले से ही एक बेटा और बेटी है। इस महिला को उसके पति ने त्याग दिया है। यह महिला अपनी बेटी को याचिकाकर्ता दंपति को गोद देने के लिए तैयार थी। याचिकाकर्ता दंपति ने बच्ची को गोद लेने के लिए जिला न्यायालय में अर्जी दायर की। जिला न्यायालय ने यह कह कर अर्जी ठुकरा दी कि बच्ची के पिता की सहमति के बगैर उसे याचिकाकर्ता को गोद नहीं दिया जा सकता। ऐसे में याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की शरण ली। इस मामले में बच्ची की प्राकृतिक मां ने भी कोर्ट को यह बताया कि उसका पति उसे छोड़ कर जा चुका है, और वह बच्ची की तो दूर, स्वयं का भरण पोषण भी बड़ी मुश्किल से कर पा रही है। उसने अपने पति को ढूंढने की बहुत कोशिश की पर वो मिला नहीं। ऐसे में बच्ची के बेहतर भविष्य के खातिर उसे गोद देना चाहती है। मामले में सभी पक्षों का सुनकर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को बच्ची को गोद लेने की अनुमति प्रदान की है। 

Created On :   4 Sept 2022 5:57 PM IST

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