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नया नियम : इस तरह सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतें होंगी कम !
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र में सड़क दुर्घटना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसके कई कारण बताए गए हैं। जानकारी के अनुसार एक साल में देश में प्रति घंटे 53 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें से 17 लोगों की मौत होती है, जबकि पूरे देश में सालाना 47 हजार 913 लाेगों की मृत्यु होती है।
इस तरह के मामलों पर संज्ञान लेते हुए सर्वोच्च न्यायालय की रास्ता सुरक्षा समिति ने सड़क दुर्घटना और उसमें होने वाली मृत्यु को प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत घटाने के निर्देश दिए हैं। महाराष्ट्र पुलिस ने घुमावदार रास्तों पर 30 और टनल में 80 किमी प्रति घंटे वाहनों की गति सीमा तय की है। 18 नवंबर 2019 से इस आदेश को लागू किया जाएगा।
सभी मार्गों की श्रेणी अनुसार गति सीमा तय
सड़क परिवहन और महामार्ग मंत्रालय, नई दिल्ली के मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत देश के विविध मार्गों के अनुसार अलग-अलग श्रेणियों के वाहनों की गति सीमा तय कर रखी है। महाराष्ट्र राज्य में सड़क दुर्घटना में 30 प्रतिशत मृत्यु कारण वाहन पर नियंत्रण नहीं होने और अधिक गति से वाहन चलाना है। राज्य के विविध मार्गों भौगोलिक स्थिति, भूप्रदेश, घाट मार्ग, घुमावदार रोड, समतल और उतार-चढ़ाव वाले मार्ग जैसे सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श करते हुए दुर्घटनाओं को कम करने के लिए अधिकतम गति सीमा तय की गई। 118 केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 में उल्लेख अनुसार परिवहन की सभी वाहनों की गति नियंत्रण के लिए अधिकतम गति सीमा तय की गई है।
इसमें जिस रास्ते की त्रिज्या 50 मीटर से अधिक है, उस मार्ग पर वाहनों की अधिकतम गति सीमा 30 किमी प्रतिघंटा तय की गई है। सभी मार्गों की टनल में अधिकतम गति सीमा 80 किमी प्रतिघंटा निश्चित की गई है। यह अधिसूचना 18 नवंबर 2019 से लागू की जाएगी। यह जानकारी अपर पुलिस महासंचालक (यातायात) मुंबई ने दी है।
Created On :   17 Nov 2019 4:30 PM IST