अस्पताल का बिल नहीं चुका पाई बेबस मां, हॉस्पिटल ने नहीं दिया बच्चा

Newborn baby hostage in hospital due to treatment bill in wardha maharashtra
अस्पताल का बिल नहीं चुका पाई बेबस मां, हॉस्पिटल ने नहीं दिया बच्चा
अस्पताल का बिल नहीं चुका पाई बेबस मां, हॉस्पिटल ने नहीं दिया बच्चा

डिजिटल डेस्क, वर्धा। सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक कितना पहुंच पाता है, इस सवाल का जवाब सेलू तहसील के महाबला भाग इलाके की खबर से ही लगाया जा सकता है। जो मानवीय संवेदनाओं को झंझोर का रख देगी। जहां एक प्रसूता के पास इतनी रकम नहीं थी कि वो सेवाग्राम अस्पताल का बिल चुका सके। लिहाजा जिगर के टुकड़े को उसने पिछले एक महीने से अस्पताल में ही छोड़ रखा है, क्योंकि नवजात पूरी तरह स्वस्थ्य नहीं था। महिला रुपयों की व्यवस्था करने के लिए दर-दर की ठोकरें खाती रही। बगैर फीस जमा किए अस्पताल प्रबंधन ने उसके बच्चे को डिस्चार्ज करने से साफ इनकार कर दिया था।

मदद के लिए बढ़े हाथ
रेखा सुकनंदन सिरसाम मध्यप्रदेश के बैतूल जिले की रहने वाली है, जो अपना गांव आमला छोड़कर यहां मजदूरी करने आई थी। आदिवासी महिला के पास बीपीएल और आधार कार्ड है। अस्पताल में कुछ दिन तो उसे भोजन मिला, लेकिन बाद में बंद हो गया। तीन दिन से भूखी-प्यासी किसी तरह दिन गुजार रही थी। लेकिन जैसे ही कुछ लोगों को उसके हाल का पता चला, अनाज देकर वो मदद के लिए आगे आए। हालांकि ये मदद ना काफी थी।

इसके बाद पवनसूत हनुमान देवस्थान ट्रस्ट ने महिला को दो हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की, साथ ही अस्पताल का बिल देखा, जो 10 हजार रुपए बताया जा रहा है। ट्रस्ट के अध्यक्ष रविकांत बालपांडे के मुताबिक महिला को दवा और भोजन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। ताकि उसकी परेशानियां कुछ हद तक कम हो सके।

Created On :   14 Sept 2017 5:18 PM IST

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