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नोटिस दिए बिना NMC ने नीलाम की संपत्ति, प्रक्रिया पर उठ रहे सवाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बकाया टैक्स वसूलने के लिए NMC ने मुहिम छेड़ते हुए जिन पर वर्षों का बकाया है उनकी प्रापर्टी नीलाम कर रही है। इस कार्रवाई में बड़े बकाएदारों को छोड़ छोटे बकाएदारों के खिलाफ बिना नोटिस दिए कार्रवाई करने का आरोप लगने से नीलामी प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगने लगे हैं। बता दें कि संपत्ति कर बकाएदारों के खिलाफ मनपा पिछले 6 महीने से अभियान चला रही है। बकाया भुगतान नहीं करने वालों के खिलाफ आखिरकार अब नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हाल में हनुमान नगर जोन में 9 संपत्तियों की नीलामी की गई है। विशेष यह कि जिनकी संपत्तियां नीलाम हुई है, उनमें से आधे लोगों को यह जानकारी ही नहीं है कि उन पर कोई बकाया है। उनका दावा है कि उन्हें न कभी बकाए का नोटिस मिला और न कभी संपत्ति कर का बिल। नीलाम होने के बाद पता चला कि उन पर संपत्ति कर का इतना बिल बकाया है। अब वे अपनी नीलाम संपत्ति को वापस लौटाने की मांग कर रहे हैं।
किसी और के प्लाट की कार्रवाई
इसी क्रम में चौकाने वाला एक मामला सामने आया है। मनपा अधिकारियों ने किसी और के प्लॉट को किसी और का दिखाकर जब्ती की का्र्रवाई की है। दावाकर्ता ने आपत्ति जताते हुए मनपा को चेताया है।
उठे रहे सवालिया निशान
पिछले दो वर्षों में मनपा ने दो बार अभय योजना चलाई, किन्तु दोनों बार कोई खास प्रतिसाद नहीं मिल पाया। अब बकाएदारों की संपत्ति नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मंगलवारी जोन द्वारा नीलामी की तारीख घोषित करने के बाद उसे रद्द किया गया। उसके बाद मंगलवारी जोन के सहायक आयुक्त हरिष राऊत के खिलाफ कार्रवाई की गई तो सभी जोन सक्रिय हो गए। हाल में हनुमाननगर जोन कार्यालय द्वारा 16 संपत्तियों की नीलामी प्रक्रिया की गई, जिसमें से 9 संपत्ति नीलाम की गई। किन्तु अब इस नीलामी प्रक्रिया को लेकर ही सवाल उठाए जा रहे हैं। जिनकी संपत्तियां नीलाम हुई, उन्होंने दावा किया कि उन्हें न बकाया संबंधी कोई नोटिस मिला और न नीलामी प्रक्रिया की कोई जानकारी मिली है। किस समाचार पत्र में नोटिस दिया गया, यह भी मालूम नहीं। सीधे उनकी संपत्तियां नीलाम कर दी गई। जब वे अपने प्लॉट पर पहुंचे तो उन्हें इन सबकी जानकारी मिली। सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं कि प्रशासन ने लाखों-करोड़ों रुपए के बकाएदारों की संपत्तियां छोड़ मामूली 70 हजार से लेकर 2 लाख रुपए बकाएदारों की संपत्तियां नीलाम की है। जबकि दावा किया गया था कि टॉप बकाएदारों से संपत्ति नीलामी की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी।
केस नं. 1
ओमनगर निवासी पंढरीनाथ वाठ ने हनुमाननगर जोन में अर्जी लगाकर अपनी संपत्ति लौटाने की अपील की है। उनका दावा है कि उन्हें अब तक कोई नोटिस नहीं मिला है। नीलामी प्रक्रिया होने के बाद उन्हें पता चला कि उनकी प्लॉट की नीलामी की गई। वे अपना बकाया भुगतान के लिए तैयार हैं। नीलामी प्रक्रिया रद्द कर उन्हें प्लॉट लौटाया जाए।
केस नं.2
नरेंद्रनगर निवासी रविशंकर कुरोठे ने भी इसी तरह की अर्जी लगाई है। उनका दावा है कि मेट्रो रीजन में उनका प्लॉट होने से 2014 में उन्हें आरएल लेटर मिला है। कर वसूली बाबत उन्हें कोई सूचना नहीं मिली है। नीलामी प्रक्रिया की भी उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई। इसलिए कर जमा नहीं कर पाया। सभी तरह का जमा बकाया तुरंत जमा करने की तैयारी दर्शाते हुए उन्होंने नीलामी रद्द करने का आग्रह किया है।
केस नं.3
खानोरकर नामक व्यक्ति का अपना खुद का प्लॉट है। मनपा हनुमाननगर जोन ने यह प्लॉट किसी और का दिखाकर उस पर जब्ती की कार्रवाई की है। खानोरकर ने इस पर आपत्ति जताते हुए मनपा को चेताया है। उन्होंने कहा कि मनपा द्वारा उपरोक्त प्लॉट हमारी जगह पर दिखाने का प्रयास किया जा रहा है। संबंधित संस्था का हमसे कोई संबंध नहीं है। मनपा मौका मुआयना करे। दूसरे का प्लॉट दिखाकर हमारा प्लाट जब्त न करे।
पूरी प्रक्रिया के बाद ही नीलामी प्रक्रिया की गई
हनुमाननगर जोन सहायक आयुक्त राजू भिवगड़े का कहना है कि संपत्तियों को नीलाम करने से पहले सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई है। कई बार नोटिस जारी किए गए हैं। समाचार पत्रों में भी नोटिस जारी कर इसे सार्वजनिक किया गया। इसके बाद भी कोई नोटिस नहीं ले रहा है या उसे जानकारी नहीं मिल रही है तो यह उसकी गलती है। यह उनकी जिम्मेदारी बनती है। 12-15 साल से बकाया होने के बाद भी उन्होंने संपत्ति कर बकाया भुगतान को लेकर कोई पहल नहीं की है। आपत्तिकर्ता अपने बचाव में कुछ भी कह सकते हैं। आयुक्त के आदेश के बाद ही यह नीलामी प्रक्रिया की गई है। अब जो नियमानुसार होगा, वह होगा। जो संपत्ति नीलाम हो गई है, उन्हें रद्द करने संबंधी आयुक्त का फैसला अंतिम होगा।
Created On :   22 Nov 2017 1:05 PM IST