सवा करोड़ रुपए खर्च कर डिजिटल हो गई मनपा, मशीनें खा रही धूल

NMC is digitized after the spending of crores but no improvement
सवा करोड़ रुपए खर्च कर डिजिटल हो गई मनपा, मशीनें खा रही धूल
सवा करोड़ रुपए खर्च कर डिजिटल हो गई मनपा, मशीनें खा रही धूल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्मार्ट सिटी बनने जा रही संतरानगरी में अब तक अनेक विभागों का डिजिटलाइजेशन नहीं हो पाया है। कुछ विभागों के रिकॉर्ड डिजिटलाइज किए जा रहे हैं तो कुछ विभागों के रिकॉर्ड को डिजिटलाइज करने की शुरुआत भी नहीं हुई है। मनपा प्रशासन ने एल एंड टी कंपनी को 21 कार्यालयों में 25 किओस्क मशीनें स्थापित करने काे कहा। कंपनी द्वारा मशीनें स्थापित कर दी गई हैं। कुछ कार्यालयों में मशीन को इंटरनेट कनेक्शन से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू है तो कुछ को जोड़ा जा चुका है। शहर के विभिन्न इलाकों में और 65 किओस्क मशीनें लगायी जानी हैं। एक मशीन की कीमत से लकर उसे लगाने तक पर लगभग 5 लाख रुपए खर्च हुए हैं। इस तरह 25 मशीनों के लिए लगभग 1.25 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।

नागपुर महानगर पालिका दावा कर रही कि इस मशीन के जरिए सभी प्रकार की सेवाएं ऑनलाइन मुहैया करायी जा रही हैं, किंतु हकीकत यह है कि अब तक मनपा के रिकॉर्ड का ही डिजिटलाइजेशन नहीं हुआ है। जब तक रिकॉर्ड का डिजिटलाइजेशन नहीं होता मनपा की सेवाएं ऑनलाइन मुहैया नहीं हो सकती हैं। इस स्थिति में ये मशीनें दिखावा बनकर रह गई है। यानि लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी नागरिकों को कोई लाभ नहीं हो रहा है।

किओस्क मशीनों से निकलती रंगीन रोशनियों को देख नागरिकों में उत्सुकता रहती है कि ये मशीनें क्या काम करेंगी। कुछ नागरिक मशीन पर अंकित स्मार्ट सिटी, आपले सरकार, महावितरण, महा-service, mahaonline, ST, mahapolice आदि संकेतस्थलों के चिह्नों को देख यह कयास लगाने लगे हैं कि कदाचित उक्त विभागों की सभी सुविधाएं मशीन के जरिए उपलब्ध होंगी। सही भी है, लेकिन फिलहाल ये मशीने केवल प्रदर्शन का हिस्सा बनकर रह गई हैं।

मशीन को स्थापित करने वाली कंपनी एल एंड टी के अधिकारियों का दावा है कि सभी मशीनें शुरू हैं तथा सुविधाएं उपलब्ध कराने की स्थिति में हैं। दावा यह भी किया जा रहा कि फिलहाल इन मशीनों के जरिए ऑनलाइन भुगतान की सुविधा मुहैया करायी जा रही है, लेकिन अनेक नागारिक मशीनों के पास पहुंचकर बैरंग लौट रहे हैं। नागरिकों को मशीन के जरिए न तो ऑनलाइन भुगतान की सुविधा मिल पा रही है और न ही वे इसके जरिए दस्तावेज प्राप्त हो रहे हैं।

तत्कालीन जिलाधिकारी सचिन कुर्वे के प्रयासों के चलते पहली किओस्क मशीन नागपुर के फेटरी गांव में लगायी गई थी। मई-2017 में इस मशीन के जरिए किसानों को जमीन के 7-12 की प्रतिलिपि मात्र 20 रुपए शुल्क पर उपलब्ध करायी गई थी। जमीन संबंधी अति महत्वपूर्ण दस्तावेज 7-12 के लिए भटकते किसानों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी कुर्वे ने यह दस्तावेज आसानी से उपलब्ध कराने के लिए कई विकल्पों पर ध्यान केंद्रित किया। इसके बाद उन्होंने किओस्क मशीन का चयन किया। उस वक्त किओस्क मशीन के जरिए दस्तावेज उपलब्ध कराना सरल उपाय था, जिसके बाद यह मशीन लगवायी गई।

फेटरी गांव मुख्यमंत्री का दत्तक गांव था, जहां से इस मशीन की शुरुआत की गई। इसी दरम्यान इस मशीन की खासियत व इसके जरिए संपन्न किए जा सकने वाले विविध कार्यों का अध्ययन किया गया तथा पूरे शहर में ये मशीनें लगाकर विभिन्न सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। इसके लिए सभी सरकारी विभागों के रिकॉर्ड को डिजिटलाइज करना बेहद जरूरी था। लेकिन एक वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद भी नगर प्रशासन अपने रिकार्ड का डिजिटलाइजेशन करने में सफल नहीं हो पाया है। इसके कारण अब भी इस मशीन का  पूरी तरह से उपयोग नहीं हो पा रहा है।

कुछ जगह कनेक्टिविटी नहीं 
स्मार्ट सिटी की योजना को मूर्त रूप देने और ऑनलाइन सेवाएं उपलब्ध कराने के इरादे से नागपुर महानगर पालिका द्वारा किओस्क मशीनें लगभग सभी महत्वूपर्ण कार्यालयों में लगायी जा रही हैं। प्रथम चरण में हमने 21 कार्यालयों में 25 किओस्क मशीनें स्थापित की हैं। कुछ कार्यालयों में मशीनों को कनेक्ट करने का काम अब तक नहीं हुआ है। पूरे शहर में तकरीबन और 65 मशीनें लगाने की योजना है। इन मशीनों के जरिए अनेक प्रकार की सेवाएं उपलब्ध करायी जाएंगी तथा सरकारी विभागों के भुगतान भी स्वीकार किए जाएंगे। कुछ सेवाएं मशीन के जरिए शुरू कर दी गई हैं। नागपुर महानगर पालिका के रिकॉर्ड का डिजिटलाइजेशन पूरी तरह नहीं हुआ है, इसलिए ये सेवाएं अभी उपलब्ध नहीं हैं। आगामी सप्ताह में ये मशीनें अपनी सभी सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होंगी।
(रामनाथ सोनावने, प्रधान कार्यकारी अधिकारी, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, मनपा)

उपयोग करना छोड़ दिया

किओस्क मशीन के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं थी। नागपुर महानगर पालिका की नई इमारत में यह मशीन देखकर इसके जरिए उपलब्ध सेवाओं की जानकारी मिली। हम यहां संपत्ति कर अदा करने के लिए आए हैं। मशीन के जरिए भुगतान का प्रयास किया किंतु यह नहीं हो सका। नेटवर्क की समस्या है अथवा कुछ और? मशीन के जरिए संपत्ति कर संबंधी किसी भी प्रकार की जानकारी स्क्रीन पर उपलब्ध नहीं हो पायी। बहुत समय तक प्रयास करने पर भी नेटवर्क सर्चिंग का चक्र घूमता रहा। अंतत: हमने मशीन का उपयोग करना ही छोड़ दिया।
(सतीश आनंदानी,  आेमप्रकाश बजाज, जरीपटका)

Created On :   3 Aug 2018 9:21 AM GMT

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