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NMC के हाथ नहीं लगा नायलॉन मांजा, आसमान में फिर भी लग रहा पेंच

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मकर संक्रांति पर पतंगबाजी के लिए उपयोग में आने वाले मांजे पर NMC ने खास निगरानी रखी है। निगरानी की वजह नायलोन मांजा है जो बेहद खतरनाक होता है। जानलेवा नायलोन मांजे पर प्रतिबंध होने के बावजूद कई जगह इसकी चोरी-छिपे बिक्री होने की जानकारी मिलने पर NMC की टीम अवैध विक्रेताओं को दबोचने के लिए जुटी जरूर है लेकिन अब तक इस टीम के हाथाें नायलोन मांजा बेचने वाले लग नहीं पाए हैं। दबी जुबान में इसे NMC द्वारा मात्र खानापूर्ति कहा जा रहा है।
मकर संक्रांति पर्व पर नरेंद्र मोदी, योगी आदित्यनाथ, डोनाल्ड ट्रंप, राहुल गांधी और छत्रपति शिवाजी वाले पतंग खूब बिक रहे हैं। उनके बीच पेंच का नजारा भी देखने को मिलेगा, लेकिन डोर घरों के छत पर चढ़कर पतंगबाजी करने वालों के हाथ में रहेगी। सत्ता के दम पर भले ही नायलॉन मांजे का विरोध है, लेकिन पतंगबाज प्रतिबंधित नायलॉन मांजे से उन्हें आसमान में उड़ाने से नहीं चुकेंगे, क्योंकि प्रतिबंधित नायलॉन मांजा बिक रहा है, मगर चुपके-चुपके। जबकि मनपा के 10 जोन में स्वतंत्र टीमाें का गठन कर दुकानों की जांच की जा रही है। 5 दिन में एक भी दुकान में नायलॉन मांजा नहीं मिलने से मनपा की कार्रवाई केवल खानापूर्ति बनकर रह गई है।
20 रुपए से 2 हजार तक मांजा के दाम : बाजार में बरेली, पांडा, मैदानी, डिस्कवरी पांडा, सतरंगा, ग्लैडर, महाकाल, एनआरके वर्धमान, काली बिल्ली स्पेशल आदि मांजे बेचे जा रहे हैं। इनकी कीमत 20 रुपए से लेकर 2 हजार रुपए तक है। इसमें भी 6 धागा से लेकर 12 धागा अलग-अलग प्रकार हैं। 900 मीटर धागे की एक रील की कीमत 200 रुपए से 300 रुपए के बीच है।
बाजार में चहल-पहल
मकर संक्रांति के लिए पतंग बाजार में चहल-पहल बढ़ गई है। 2 रुपए से लेकर 200 रुपए तक तरह-तरह के पतंग और मांजा बाजार में उपलब्ध हैं। स्थानीय के अलावा अहमदाबाद, जयपुर, कोलकाता से खास किस्म की पतंगें लाई गई हैं। इसमें गिल्लोरी, गोलेदार, काली गिन्नी, लाल गिन्नी, लंगोट मुच्छड, अंडा, लंगोट ताेफ, लच्छेदार, फेस कट आदि किस्म की पतंगों का समावेश है। बच्चों को आकर्षित करने वाली भीम, स्पाइडर मैन, शिवा आदि कार्टून वाली पतंगें भी लाई गई हैं। मोदी, योगी, ट्रंप, राहुल, शिवाजी की तस्वीर वाली पतंगों का युवाओं में अधिक आकर्षण है। मांजा की बात करें तो अधिकांश ग्राहक पहले नायलॉन मांजे की मांग कर रहे हैं। परंतु पाबंदी लगाए जाने से दुकानदार खुले आम देने से कतरा रहे हैं। चोरी-छिपे बिक्री चल रही हैं।
मनपा ने किया स्वतंत्र दस्तों का गठन
-नायलॉन मांजे की बिक्री रोकने के लिए मनपा की ओर से सभी 10 जोन में स्वतंत्र दस्तों का गठन िकया गया है। दस्ते में 3-4 सदस्यों का चयन कर कार्यक्षेत्र में मांजा बेचने वाली दुकानों की जांच की जा रही है। 30 से 35 दुकानों की जांच की गई है। अभी तक एक भी दुकान में नायलॉन मांजा नहीं पाया गया। शुक्रवार को कलमेश्वर में एक दुकान में बेचे जाने की सूचना मिलने पर छापा मारा गया, परंतु वहां भी नायलॉन मांजा नहीं मिला।
प्रदीप दासरवार, स्वास्थ्य अधिकारी, मनपा
Created On :   13 Jan 2018 2:19 PM IST