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बेतरतीब खुदाई को लेकर नागपुर मनपा के सैकड़ों नियमों का पालन नहीं, रहवासी परेशान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगर पालिका की लापरवाह कार्यप्रणाली समय-समय पर चर्चा का विषय बनती रही है। इस क्रम में सड़क के किनारे बीते अनेक दिनों से जारी खुदाई कार्य ने संबंधित विभाग के कार्यप्रणाली की पोल खोलकर रख दी है। जलापूर्ति की पाइप लाइन, इंटरनेट का फाइबर केबल, बिजली विभाग के भूमिगत तार, दूरसंचार विभाग के केबल आदि बिछाने का कार्य चलता रहता है। इस दौरान की जाने वाली खुदाई को लेकर मनपा आयुक्त व संबंधित प्रशासन बीते अनेक दिनों से चिंतित है।
खुदाई को लेकर सैकड़ों नियम बने हैं। इन नियमों के अनुसार खुदाई की अनुमति तो ली जाती है, परंतु उनका पालन नहीं किया जाता। इसके चलते मनपा आयुक्त वीरेंद्र सिंह ने अनेक बार आपत्ति जताई। आखिरकार संबंधितों के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए आयुक्त ने बीते सप्ताह 16 शर्तों की गाइडलाइन बनाई और परिपत्रक जारी कर इसका कठोरता से पालन करने के निर्देश दिए हैं।
केबल बिछाने वाली एजेंसी यदि अनेक दिनों तक खुदाई के गड्ढे नहीं भरती है तो केवल उसे नोटिस देकर सुधार कार्य करने की अपील की जाती है। अनेक दिनों तक कागजी निर्देशों के पालन का इंतजार किया जाता है। तब तक लोग समस्याओं से जूझते रहते हैं, लेकिन संबंधित निर्माण एजेंसी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती।
पता नहीं चलता कौन खोद रहा है?
खुदाई स्थल पर निर्माण कार्य के दौरान संबंधित कार्य से जुड़ी जानकारी का बोर्ड लगाना अनिवार्य है। बोर्ड में निर्माण से संबंधित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए। परंतु इस तरह का बोर्ड लगाकर खुदाई कार्य नहीं किया जाता। गड्ढों को पाटने में होने वाली देरी को लेकर लोग परेशान होते हैं। खुदाई करने वाले मजदूरों से बहस हो जाती है, किंतु संबंधित एजेंसी व कार्य की अधूरी जानकारी के कारण लोग सही विभाग से शिकायत नहीं कर पाते।
मिट्टी भरकर कर देते हैं समतल
सड़क किनारे केबल बिछाने का कार्य जिन एजेंसियों के माध्यम से किया जाता है, वे शहर के विभिन्न इलाकों में निर्माण कार्य करते तय गाइडलाइन की शर्तों का धड़ल्ले से उल्लंघन करते नजर आते हैं। खुदाई स्थल पर जुटे मजदूर व खुदाई की मशीनें जब सड़क के किनारे डामर, सीमेंट व पेविंग गट्टू आदि को क्षति पहुंचाकर गहरी नालियां खोद देते हैं, तब उस मिट्टी को वहीं सड़क के किनारे ही बिखेर दिया जाता है। कार्य पूर्ति के बाद अनेक दिनों तक इसे पाटा नहीं जाता। पश्चात खोदी गई मिट्टी से ही इन नालियों को पाटकर समतल किया जाता है। इसके मजबूतीकरण पर कभी विशेष ध्यान नहीं दिया जाता।
यातायात व्यवस्था ताक पर
इन दिनों शहर में विकास कार्यों के नाम पर मेट्रो, सीमेंट की सड़कें जैसे विविध निर्माण कार्य तेज गति से चल रहे हैं। ऐसे में मुख्य मार्गों के अलावा अनेक बस्तियों से गुजरने वाली संकरी सड़कों के किनारे भी केबल छाने का कार्य चल रहा है। अनेक दिनों तक खुदाई व केबल बिछाने की प्रक्रिया में मिट्टी सड़क पर बिखरने से यह यातायात में बाधाएं उत्पन्न कर रही है। इससे दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका बढ़ गई है।
आयुक्त की नई गाइडलाइन में है यह 16 शर्तें
1. सरकारी व गैरसरकारी विविध केबल कंपनियों, ठेकेदारों, लोगों द्वारा बिजली, गटर, पाइप लाइन तथा केबल बिछाने के लिए मनपा प्रशासन से अनुमति लेना बंधनकारक है।
2. खुदाई एजेंसी व ठेकेदार द्वारा मनपा की अनुमति लिए बिना खुदाई कार्य करते हुए पाए जाने पर संबंधितों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
3. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में एलएंडटी कंपनी, मनपा विभाग, एमएसईडीसीएल के करार के व्यतिरिक्त अन्य फाइबर व इलेक्ट्रिक केबल कंपनियों द्वारा गारंटी के तौर पर स्क्यिुरिटी डिपॉजिट बैंक गारंटी के रूप में राशि जमा करना अनिवार्य है।
4. केबल कंपनियों द्वारा सड़क खुदाई की अनुमति पेश करते समय जीपीआर सर्वे कर रिपोर्ट पेश करना होगा।
5. खुदाई एजंसियों के कार्य पर देखरेख तथा नियंत्रण करने की जिम्मेदारी मनपा के हॉट मिक्स प्लांट विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के अलावा मनपा के अतिरिक्त आयुक्त की होगी।
6. मनपा के जोन स्तर पर खुदाई कार्य पर देखरेख करने की जिम्मेदारी जोन के उपअभियंता को सौंपी गई है।
7. खुदाई एजेंसियों को सभी आवश्यक दस्तावेज व प्रस्ताव मनपा के कार्यकारी अभियंता (हॉट मिक्स) को पेश करना होगा। तय शुल्क व अभिप्राय के साथ अधीक्षक अभियंता के माध्यम से मुख्य अभियंता की मंजूरी व अनुमति लेना बंधनकारक है।
8. तय मापदंडों के अनुसार खुदाई के गड्ढे नहीं भरे जाने पर इसके लिए लागत की निधि इटीसी चार्जेस के साथ सुरक्षा जमा राशि में से वसूल कर जोन स्तर के नियंत्रण अधिकारी के माध्यम से कार्य कराया जाएगा।
9. शहर के नागरिकों के व्यक्तिगत पाइप लाइन, बिजली केबल व गटर खुदाई की अनुमति के लिए तय राशि अदा कर जोन के कार्यकारी अभियंता से अनुमति लेना अनिवार्य है।
10. मनपा व एमएसईडीसीएल के साथ हुए करार के अनुसार खुदाई की अनुमति के प्रस्ताव पर अधीक्षक अभियंता के माध्यम से मुख्य अभियंता से मंजूरी लेना होगा।
11. यदि तय करार के अनुसार एमएसईडीसीएल द्वारा रेस्टोरेशन नहीं किया गया तो मनपा के बिजली बिल भुगतान में से संबंधित खर्च की कटौती कर राशि अदा की जाएगी।
12. अब ओसीडब्ल्यू व मनपा के विद्युत विभाग को भी खुदाई कार्य के लिए हॉट मिक्स प्लांट विभाग की अनुमति लेना बंधनकारक है।
13. ओसीडब्ल्यू द्वारा उचित ढंग से रेस्टोरेशन नहीं किए जाने पर जलप्रदाय विभाग के कार्यकारी अभियंता को सूचित कर खर्च की वसूली की जाएगी।
14. ओसीडब्ल्यू के खुदाई व रेस्टोरेशन की रिपोर्ट को अनुमति में तय कालावधि पश्चात के 3 दिन में जोन कार्यालय में पेश करने के बाद ही ओसीडब्ल्यू को कार्य राशि की अदायगी दी जाएगी।
15. मनपा के बिजली विभाग के ठेकेदार द्वारा यदि उचित रेस्टोरेशन नहीं किया गया तो संबंधितों से खर्च की राशि वसूल कर जोन के नियंत्रण अधिकारी को सुपुर्द करना होगा।
16. खुदाई कार्य करने वाले व्यक्ति व एजेंसी को अनुमति लेते समय आवेदन पर उनका नाम व मोबाइल नंबर दर्ज करना आवश्यक होगा। हॉट मिक्स प्लांट की अनुमति के बिना काम नहीं शुरू किया जा सकेगा।
Created On :   19 Aug 2018 2:48 PM IST