आरटीओ में नहीं थम रही मिलीभगत, 500 रुपए मिल रहा पास्ड होल्डिंग लाइसेंस फार्म

No collusion in rto, stop holding license form of Rs 500
आरटीओ में नहीं थम रही मिलीभगत, 500 रुपए मिल रहा पास्ड होल्डिंग लाइसेंस फार्म
आरटीओ में नहीं थम रही मिलीभगत, 500 रुपए मिल रहा पास्ड होल्डिंग लाइसेंस फार्म

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के पूर्व आरटीओ में लगातार अनियमितताएं नजर आ रही हैं। पिछले वर्ष हुए लर्निंग लाइसेंस घोटाले में अब भी लगातार गिरफ्तारी की जा रही है। इसके बावजूद अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों और दलालों तक सबकी मिलीभगत चल रही है। आरटीओ कार्यालय के बाहर विभाग के सरकारी कागजात दलालों के पास रखे रहते हैं और दलाल ही आवेदनकर्ताओं को कागजात दे रहे हैं। इसमें दलाल जल्दी काम करवाने के लिए मोटी रकम ले रहे हैं। दलाल सरकारी कागजात होल्डर लाइसेंस वाले आवेदनकर्ताओं को 500 रुपए में पूरी तरह पास किया जा रहा है।

ऐसे होता है गोलमाल 
किसी भी दफ्तर से सरकारी कागज या दस्तावेज बिना अनुमति बाहर ले जाना और हाथ लगाना अपराध की श्रेणी में आता है। दलाल द्वारा दिए हुए फार्म में ऊपर "होल्डिंग" और दलाल का नाम लिखा रहता है, जिससे वह तुरंत वेरीफाई और पास हो जाते हैं। जिम्मेदार व्यक्ति फार्म पास करके दलाल तक पहंुचाता है। जिस व्यक्ति के द्वारा यह फार्म भेजे जाते हैं, उसे 500 रुपए देकर दलाल या आवेदनकर्ता फार्म लेता है। दलाल आरटीओ विभाग के सरकारी कागजात अपने थैले में रखकर घूमते हैं।

मिलीभगत से मजबूर नागरिक 
आरटीओ कार्यालय में लगातार लापरवाही और मिलीभगत के चलते आवेदनकर्ताओं को मजबूरन दलालों का सहारा लेना पड़ रहा है। दलाल इसी से राेज मोटी रकम वसूल कर घर ले जा रहे हैं। इस मोटी रकम में कर्मचारी से लेकर अधिकारियों तक का हिस्सा रहता है। सरकारी कागजात भी कर्मचारियों के बजाय दलालों के पास रहते हैं। लेनदेन का पूरा काम दलाल कर रहे हैं यह काम करने के लिए दलालों के पास आरटीओ कार्यालय में ही विशेष जगह भी है।

ऐसे चल रहा खेल
आम आदमी यदि बिना दलाल की मदद से आवेदन करता है तो उसकी फाइल को बार-बार यह कहकर लौटा दी जाती है कि इसमें यह कागजात की कमी है। यदि कागजात पूरे हैं, तो वेरीफाई और अधिकारियों से हस्ताक्षर और सील लगने के बाद करीब 8 से 15 दिन में फार्म मिलता है। दलाल दो दिन में कार्य पूरा कर देते हैं। दलाल की सहायता से आवेदन देने में आपका फार्म एक बार में अप्रूव हो जाता है और अधिकारियों के हस्ताक्षर करने के बाद वह फार्म दलाल के पास भेज देते हैं। वह सरकारी कागजात दलाल के पास ही रहते हैं। आवेदनकर्ता उनसे कागज लेता है, तो 500 रुपए देने होते हैं। 

ड्राइविंग स्कूल को विशेष छूट
ड्राइविंग स्कूल भी दलालों की तरह काम कर रहे हैं। वह भी सभी तरह के काम करते हैं, जिसके लिए आवेदनकर्ता से रुपए लेते हैं। ड्राइविंग स्कूल के होल्डिंग फार्म पर विशेष छूट भी दी जाती है। इसके लिए अलग-अलग रेट फिक्स कर रखे हैं। 400 रुपए ड्राइविंग स्कूल  और दलालों के लिए 500 रुपए रेट फिक्स है।

नहीं हुआ संपर्क
इस विषय पर पूर्व आरटीओ के उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी विनोद जाधव से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

Created On :   12 Nov 2019 1:24 PM IST

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