टीकाकरण से कोई वंचित न रहे, अस्पताल की क्षमता बढ़ती है, कर्मचारी नहीं

No deprivations from vaccination, hospital capacity increases, not staff
टीकाकरण से कोई वंचित न रहे, अस्पताल की क्षमता बढ़ती है, कर्मचारी नहीं
टीकाकरण से कोई वंचित न रहे, अस्पताल की क्षमता बढ़ती है, कर्मचारी नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना महामारी से बचाव के लिए हर व्यक्ति को टीका लगवाना आवश्यक है। किसी भी अफवाह पर ध्यान न देते हुए प्रशासन को सहयोग करना चाहिए। टीकाकरण के लिए नागरिक स्वयं सामने आएं। एक भी व्यक्ति टीकाकरण से वंचित न रहंे इस बात का ध्यान प्रशासन को रखने के निर्देश वैद्यकीय शिक्षा मंत्री अमित देशमुख ने दिए। मेयो अस्पताल में कोविड समीक्षा बैठक के अवसर पर वे बाेल रहे थे। उन्होंने मेयो अस्पताल से 90 फीसदी कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने की जानकारी पर समाधान व्यक्त किया। मंत्री देशमुख ने नागरिकों से आह्वान किया कि कोरोना के लक्षण दिखते ही अस्पताल में जाकर जांच व उपचार करवाना चाहिए। मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी नहीं होगी। 1 मई से 18 प्लस नागरिकों का टीकाकरण शुरू किया जाएगा। यह टीकाकरण अलग-अलग चरणों में होगा। उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त अनुदान से मेयाे व मेडिकल में ऑक्सीजन प्लांट शुुरू करने के काम को गति देने को कहा है। नर्सिंग स्टाफ की भर्ती भी जल्द करने का आश्वासन दिया। मेयो के अधिष्ठाता डाॅ. अजय केवलिया ने बताया कि मेयो में कोरोना मरीजों के लिए 600 बेड हैं। 100 मरीजों के लिए डोझी तकनीक का उपयोग किया जा रहा है और 100 डोझी मशीनें लगाई जाएगी। मरीज की जानकारी देने के लिए सूचना केंद्र शुरू किया गया है। बैठक में विधायक विकास ठाकरे व अभिजीत वंजारी,  मेडिकल के अधिष्ठाता डॉ. सुधीर गुप्ता व संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

अस्पताल की क्षमता बढ़ती है, कर्मचारी नहीं

वहीं पिछले कुछ साल में राज्य सरकार ने नए मेडिकल कॉलेज व अस्पताल बनाए हैं और कुछ प्रस्तावित हैं। इन अस्पतालों की क्षमता बढ़ाने की योजना पर काम किया जाता है, लेकिन वहां आयुर्विज्ञान परिषद और राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिषद के तय मानकों के अनुसार पद भर्ती नहीं की जाती है। मरीजों के उपचार के लिए जरूरी मशीनें, दवाएं व अन्य संसाधन उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। इसलिए वहां कार्यरत कर्मचारी व डॉक्टरों को मानसिक परेशानी से गुजरना पड़ता है। इसका मरीजों के उपचार पर भी असर होता है। यह मानना है विदर्भ वैद्यकीय महाविद्यालय व स्वास्थ्य सेवा कर्मचारी संगठन का। इस संबंध में संगठन के अध्यक्ष त्रिशरण सहारे ने निवेदन वैद्यकीय शिक्षा मंत्री अमित देशमुख को सौंपा।

पुराने अस्पतालों में ही उपलब्ध कराएं सारी सुविधाएं  

सहारे ने कहा कि नए अस्पताल व कॉलेजों के बजाय जो पुराने अस्पताल हैं, वहां उचित व्यवस्था होनी चाहिए। इन अस्पतालों में बेड, जांच मशीनें, अन्य जरूरी उपकरण, उपचार की सामग्री व दवाएं आदि उपलब्ध कराई जानी चाहिए। यह व्यवस्था है कि नहीं इसकी जांच होनी चाहिए। इन पर ध्यान नहीं दिया जाएगा तो अस्पतालों में सुविधा के अभाव में मृत्यु का प्रमाण बढ़ता जाएगा। क्षेत्रों के हिसाब से देखा जाए तो पद भरती में असमानता है। शहर के मेडिकल और मेयाे अस्पताल में अनेक पद रिक्त हैं। इस निवेदन में कुछ मांगें भी रखी गई हैं। भर्ती प्रक्रिया की असमानता को दूर करने को कहा गया है। निवेदन सौंपते समय विधायक विकास ठाकरे, अभिजीत वंजारी उपस्थित थे।

मेयो-मेडिकल में शीघ्र नई नियुक्ति की जाए : विधायक गजभिये

उधर विविध मांगों को लेकर पूर्व विधायक प्रकाश गजभिये ने भी वैद्यकीय शिक्षा मंत्री अमित देशमुख से मुलाकात की। गजभिये ने बताया कि मेयो-मेडिकल में बेड, ऑक्सीजन, ड्रग, वेंटिलेटर, आईसीयू की संख्या काफी कम है। डॉक्टर, नर्स, लैब अटेंडेंट की संख्या भी अपर्याप्त है। सभी सुविधा बड़े पैमाने पर उपलब्ध कराने की मांग की गई। उन्होंने मेयो-मेडिकल में डॉक्टर, नर्स, लैब अटेंडेंट, हेल्थ वर्कर की नई नियुक्ति करने, 1000 से अधिक बेड और रेमडेसिविर भी उपलब्ध कराने की मांग की। दोनों अस्पतालों में नई एमआरआई मशीन लगाने, नई सीटी स्कैन मशीन देने का अनुरोध किया। मर्चुरी को आधुनिक बनाने और स्टाफ उपलब्ध कराने की भी मांग की। इस संबंध में उन्होंने एक निवेदन वैद्यकीय शिक्षा मंत्री को सौंपा।
इलाज नहीं मिलने पर 

पीड़ित ने प्रशासन को दिए सुझाव

मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण कई लोगों को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे हैं। लोगों को मजबूरन अपने मरीज का घर में ही इलाज कराना पड़ रहा है। उन्हें ऑक्सीजन और अन्य दवाइयां भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। इसे लेकर एक पीड़ित ने जिलाधिकारी, पालकमंत्री, महापौर और महाराष्ट्र के स्वास्थ्यमंत्री को पत्र लिख कर अपनी पीड़ा बताई। साथ ही कुछ सुझाव देते हुए अपनी मांगें भी रखीं।

मरीज के इलाज के लिए खुद झेली परेशानी

दरअसल पीड़ित अमित सहारे ने यह पत्र अपने मरीज के इलाज के लिए दर-दर भटकने के बाद लिखा है। वह किसी संगठन या संस्था से नहीं जुड़े हैं। उनके करीबी परिजन भी संक्रमित हुए थे, लेकिन न बेड मिला, न ही रेमडेसिविर इंजेक्शन। उन्होंने इन समस्याओं से प्रशासन को अवगत कराने के लिए पत्र लिखा है। पीड़ित अमित ने अपनी शिकायत पत्र में बताया कि नागपुर जिले में हजारों मरीज होम आइसोलेट हैं। इसमें कई मरीजों का सीटी स्कैन 10 से 20 के बीच हैं। अधिकांश मरीजों को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है। ऐसे गंभीर मरीजों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहा है। मजबूरन घर में इलाज कराना पड़ रहा है। इलाज के लिए डॉक्टर ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसिविर की मांग भी कर रहे हैं, लेकिन उन्हें भी किसी तरह की कोई सुविधा नहीं मिल रही है।

रेमडेसिविर व ऑक्सीजन मुहैया कराने पर बेड की मांग कम

इस विषय को लेकर अमित ने निवेदन दिया है कि जिलाधिकारी कार्यालय में मरीज की कोविड रिपोर्ट, सीटी स्कैन रिपोर्ट, डॉक्टर का परामर्श, आधार कार्ड और अन्य सभी दस्तावेजों की जांच कर होम आइसोलेशन में रहने वालों को भी रेमडेसिविर और ऑक्सीजन उपलब्ध कराएं। इससे अस्पतालों में बेड की मांग भी कम होगी।

सिम्बॉयसिस में शुरू होगा कोविड केयर सेंटर

संक्रमण तेजी से फैल रहा है और भंडारा, गोंदिया, गढ़चिरोली व चंद्रपुर जिले के कोरोना रोगी भी बड़ी संख्या में नागपुर आ रहे हैं। कोरोना रोगियों की तेजी से बढ़ रही संख्या को देखते हुए मनपा प्रशासन ने वाठोड़ा स्थित सिम्बॉयसिस कालेज के रिक्रिएशन हॉल में फिर से भव्य कोविड केयर सेंटर व डीसीएचसी शुरू करने का निर्णय लिया है। पिछले साल जब कोरोना चरम पर था, तब यहां कोविड केयर सेंटर शुरू किया गया था आैर बाद में बंद कर दिया गया था। 

अग्रसेन भवन में भी बनेंगे सेंटर

इसके अलावा सीए रोड स्थित अग्रसेन भवन व रवि नगर स्थित अग्रसेन भवन में भी कोविड केयर सेंटर व डेडीकेटेट कोविड हेल्थ सेंटर (डीसीएचसी) शुरू किए जाएंगे। तीन जगह सेेंटर शुरू होने पर रोगियों को काफी राहत मिल सकेेगी। रोगियों को समय पर बेड उपलब्ध हो सकेंगे। मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। 
 


 

Created On :   27 April 2021 5:01 PM IST

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