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4 साल बाद भी दीक्षाभूमि के लिए कोई निधि नहीं, 350 करोड़ का दिया था आश्वासन

हाईलाइट
- दीक्षाभूमि के विकास के लिए दिया गया था 350 करोड़ का आश्वासन
- अब तक नहीं दी गई कोई निधि
- डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर फाउंडेशन की निधि पर हो रहे विकास कार्य- सुधीर फुलझेले
डिजिटल डेस्क नागपुर। 4 साल पहले दीक्षाभूमि विकास के लिए 350 करोड़ निधि की मंजूरी दी गई थी, जिसमें 40 करोड़ तत्काल मिलने वाले थे लेकिन अब तक कुछ नहीं मिला।डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक समिति के सदस्य डॉ. सुधीर फुलझेले ने बताया कि दीक्षाभूमि पर किये जा रहे विकास कार्य दिल्ली के डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर फाउंडेशन की निधि से हो रहे हैं, न कि राज्य सरकार की निधि पर। उन्होंने कहा कि नागपुर सुधार प्रन्यास, दीक्षाभूमि की नोडल एजेंसी है लेकिन उसके द्वारा अब तक एक भी कार्य की निविदा नहीं निकाली गई है। स्मारक के विकास कार्य डॉ.आंबेडकर फाऊंडेशन द्वारा मंजूर 9 करोड़ 40 लाख से किए जा रहे है। काम पूरा होने में डेढ़ साल लगेगा। सर्दी, गर्मी और बारिश के कारण टाइल्स निकल गए हैं जिन्हें रासायनकि प्रक्रिया का दोबारा लगाया जाएगा। पिछली बार की अपेक्षा इस बार दानपेटी में आने वाली निधि में बढ़ोत्तरी हुई है इस बार निधि में 50 लाख रुपए जमा हुए है। साथ ही यह भी बताया गया कि दीक्षाभूमि के विकास का मामला हाई पॉवर कमेटी के सादर किया गया।
आज से कार्यक्रम की शुरुआत
विजयादशमी के अवसर पर डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर ने 14 अक्टूबर 1956 को लाखों लोगों को गौतम बुद्ध की दीक्षा दिलाई थी। उस दिवस के निमित्त 6 से 8 अक्टूबर को दीक्षाभूमि पर वैचारिक क्रांति समारोह का आयोजन किया जाता है। इस साल पहली बार राजनैतिक लोगों को छोड़कर जापान, थाईलैंड, श्रीलंका, म्यांमार, बांग्लादेश, तिब्बत के भिक्षुओं की उपस्थिति में 63वां वर्धापन दिवस का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी स्मारक समिति के सचिव विलास गजघाटे ने शनिवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही। उन्होंने बताया कि मंगलवार 6 अक्टूबर को शाम 6 बजे धम्म दीक्षा समारोह की अध्यक्षता डॉ. आंबेडकर स्मारक समिति के अध्यक्ष भदंत आर्य नागार्जुन सुरेई ससाई रहेंगे। प्रमुख अतिथि के रूप में थाईलैंड के डॉ. परमहा, म्यांमार के टेंग ग्यार, जापान के नोबुहिरो कुबोडेरा, शिनीचिरो किशी, सेईगो ससाहारा उपस्थित रहेंगे। पत्र-परिषद में स्मारक समिति अध्यक्ष भदंत आर्य नागार्जुन सुरेई ससाई, सदस्य डॉ. सुधीर फुलझेले, सदस्य एन. आर. सुटे, कैलास वारके, शरद मेश्राम उपस्थित थे।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।