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नहीं बचा पोषण आहार- कैसे दूर होगा कुपोषण, 31 हजार हैं कुपोषित

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। आंगनबाडिय़ों में पोषण आहार व्यवस्था में बदलाव की प्रदेश स्तर पर चल कवायदों के बीच नई समस्या खड़ी हो गई है। मार्च के लिए शासन स्तर पर जो आंगनबाडिय़ों में पोषण आहार सप्लाई किया गया था। उसके भरोसे अप्रैल में जैसे-तैसे काम चलाया जा रहा है। अधिकारियों का दावा है कि किसी परियोजना में 15 दिन तो कहीं महज 20 दिनों का स्टॉक बचा हुआ है। जबकि मई के पहले टेंडर प्रक्रिया होना संभव नहीं है। जिले में कम वजन और अति कम वजन वाले 31 हजार 32 बच्चे है जो कुपोषित की श्रेणी में आते हैं। इन बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए ही आंगनबाडिय़ों में पूरक पोषण आहार बंटता है। नई व्यवस्था से बदले हालातों के बीच शासन ने जिले से भी जानकारी मांगी है। जिसमें अधिकारियों ने बताया है कि महज 15 दिनों से ज्यादा का पोषण आहार जिले में नहीं बचा है।
क्या है मामला
प्रदेश में अब तक तीन निजी कंपनियां पूरक पोषण आहार का वितरण किया करती थी। लेकिन पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए इन कंपनियों की जगह समूहों से पोषण आहार लेने के आदेश जारी कर दिए। जिससे इन कंपनियों ने सप्लाई बंद कर दी। इसके पहले मार्च तक का ही पूरक पोषण आहार आंगनबाडिय़ों में वितरित किया गया था।
क्यों बने हालात
सुप्रीम कोर्ट ने 30 दिनों में नए समूहों से पोषण आहार लेने के निर्देश दिए थे। लेकिन सरकार बहानेवाजी करते रही और नई व्यवस्था को प्रदेश में लागू नहीं किया गया। अधिकारियों की मानें तो 1 मई के पहले नई व्यवस्था बनना मुश्किल है। ऐसे में पुराने स्टॉक से ही अप्रेल में सप्लाई करनी पड़ेगी।
ये होगा असर...
- वर्तमान में जिले में 2271 अतिकुपोषित और 28761 कुपोषित बच्चे हैं। इनको दिया जाने वाला पोषण आहार बंद हो जाएगा।
- जिले में 3057 आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी संचालित है। जिनमें पोषण आहार व्यवस्था पूरी तरह से लडखड़़ा जाएगी।
- बच्चों के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को भी पोषण आहार दिया जाता है। इन योजनाओं पर भी ग्रहण लगेगा।
किसे बटता है पोषण आहार
- गर्भवती माता को खिचड़ी, सोयाबा बर्फी, आटा बेसन के लड्डु
- छह से तीन माह के बच्चे के लिए हलुआ, बाल आहार, खिचड़ी प्रदाय की जाती है।
इनका कहना है...
फिलहाल 15 से 20 दिनों का स्टॉक बचा है। शासन ने उपलब्ध स्टॉक की जानकारी हमसे मांगी थी। जिसे पहुंचा दिया गया है।
एमएल मेहरा डीपीओ, महिला एवं बाल विकास विभाग
Created On :   3 April 2018 1:52 PM IST