कोरोना संकट के चलते घोषित लॉकडाउन के बाद 22 मार्च से मध्य रेलवे व पश्चिम रेलवे की सभी लोकल ट्रेनों को बंद कर दिया गया था। भारतीय रेल के इतिहास में पहली बार इतने दिनों तक रेल का पहिया थमा है। दरअसल मुंबई के विभिन्न कार्यालयों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले लाखों लोग मुंबई उपनगर और आस पास के शहरों वसई-विरार, नालासोपारा, पालघर, मीरा-भायंदर, उल्हासनगर, डोम्बिवली, बदलापुर, कसारा जैसे दूर-दराज के इलाकों से लोकल ट्रेनों से महानगर पहुंचते हैं।
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दैनिक भास्कर हिंदी: बगैर लोकल ट्रेन पटरी पर लौट नहीं सकेगी मुंबई, रोजाना 80 लाख लोग करते हैं सफर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। करीब बहत्तर दिनों के लॉकडाउन के बाद राज्य सरकार ने एहतियात के साथ दुकान-ऑफिस खोलने की अनुमति भले ही दे दी, लेकिन मुंबई की ‘लाइफ लाइन’ मानी जाने वाली लोकल ट्रेन चले बगैर महानगर का जन जीवन सामान्य होने के आसार नहीं दिखाई दे रहे। यहां हर रोज करीब 80 लाख लोगों को उनकी मंजिल तक पहुचाने वाली लोकल ट्रेनों को शुरू करने को लेकर फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ है।


लोकल ट्रेन इन अप डाउनर्स के लिए सबसे सस्ता और कम समय में उन्हें मंजिल तक पहुचाने वाला साधन है। मध्य रेल्वे कि एक अधिकारी कहते हैं कि जिस तरह मुंबई और आसपास के इलाकों में जिस तरह से कोरोना मरीज बढ़ रहे उसे देखते हुए फिलहाल लोकल ट्रेनों को शुरू करने में समय लग सकता है, क्योंकि लोकल ट्रेनों में होने वाली भारी भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन मुश्किल होगा।

इसके पहले 1974 में जार्ज फर्नांडिज के नेतृत्व में हुई रेलवे की हड़ताल और 26 जुलाई 2005 को मुंबई में आई बाढ़ के वक्त ही कुछ दिनों के लिए मुंबई की लोकल ट्रेनों का पहिया रुका था।

1853 में शुरु हुई मुंबई की लोकल ट्रेन सेवाएं महानगर और आसपास के इलाके में परिवहन का सबसे सुलभ साधन हैं। मध्य रेलवे रोजाना लोकल ट्रेनों के 1774 और पश्चिम रेलवे 1387 फेरे चलाता है। जिससे हर रोज करीब 80 लाख लोग यात्रा करते हैं।

मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी शिवाजी सुतार का कहना है कि लोकल ट्रेने शुरु करने को लेकर अभी तक हमें रेल मंत्रालय से कोई निर्देश नहीं मिले हैं। मंत्रालय से निर्देश मिलने के बाद लोकल ट्रेन सेवा फिर से बहाल किया जाएगा।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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