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उपराजधानी में बढ़ रहा है ध्वनि प्रदूषण, हर माह 3 तारीख को नो हॉकिंग डे मनाने का प्रस्ताव हुआ पारित
डिजिटल डेस्क, नागपुर।सीएसआईआर (राष्ट्रीय पर्यावरण अभियंत्रिकी अनुसंधान संस्थान) नीरी में ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण पर बैठक हुई, जिसमें हर माह की 3 तारीख को ‘नो हॉकिंग डे’ मनाने का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में शहर के चिकित्सकों ने विशेष रूप से िहस्सा लिया। चिकित्सकों ने शहर में ध्वनि प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि ध्वनि प्रदूषण मनुष्य को शारीरिक और मनोवैज्ञानिक नुकसान के साथ ही स्वास्थ्य पर पड़ने वाले कई प्रभावों के लिए जिम्मेदार है। बैठक में नीरी के निदेशक डॉ. अतुल वैद्य, दत्ता मेघे आयुर्विज्ञान संस्थान के कुलपति डॉ. राजीव बोर्ले, डॉ संजय देवतले, डॉ अर्चना कोठारी, डॉ सतीश नलगुंडवार, डॉ रंजीत अंबाद, डॉ समीर ठाकरे, डॉ प्रशांत निखाड़े और नंदू कोलवाडकर ने भाग लिया। डॉक्टरोंं के साथ बैठक जनआक्रोश द्वारा शुरू किए गए ध्वनि प्रदूषण को कम करने एक अभियान के रूप में आयोजित की गई। जनआक्रोश के डॉ अनिल लड्डा, श्याम भालेराव, रवींद्र कासखेड़ीकर, अशोक करंदीकर, डॉ. प्रवीण लाड, डॉ. आर.डी. कावले, डॉ. अनिल जोशी उपस्थित थे। नीरी के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रितेश विजय ने महाराष्ट्र के 27 शहरों में किए गए नॉइस मैपिंग के अध्ययन के निष्कर्षों पर प्रकाश डाला। उन्होंने शहर में ध्वनि प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए उपचारात्मक उपाय सुझाए।
Created On :   4 March 2022 5:05 PM IST