- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- नॉन ट्रान्सपोर्ट ऑटो भी होंगे...
नॉन ट्रान्सपोर्ट ऑटो भी होंगे ट्रान्सपोर्ट में शामिल , रजिस्ट्रेशन के लिए मिली अवधि

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में 4 हजार से ज्यादा अवैध तरीके से चलाए जा रहे ऑटो रिक्शा को वैध कराने की दिशा में आरटीओ कार्य कर रहा है। शहर के 4 हजार नॉन ट्रान्सपोर्ट ऑटो को ट्रान्सपोर्ट कराने के लिए प्रचार - प्रसार किया जा रहा है। 31 दिसंबर के आखिर तक अवधि दी गई है। इसके बाद नॉन ट्रान्सपोर्ट ऑटो श्रेणी में रहनेवाले ऑटो यदि सवारियों के साथ मिले, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। ऐसा करने से एक ओर आरटीओ का राजस्व बढ़ेगा। वही दूसरी ओर नियमों के बाहर चलनेवाले ऑटो चालकों पर लगाम कसी जा सकेगी।
नागपुर शहर में सबसे ज्यादा लोकल परिवहन के लिए ऑटो का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे शहर में हजारों ऑटो सवारियों को लाने ले जाने का काम करते हैं। वर्तमान स्थिति में शहर में 10 हजार से ज्यादा ऑटो चलते हैं। लेकिन सभी ऑटो सवारियों को लाने ले जाने के लिए वैध नही है। इनमें केवल ट्रान्सपोर्ट श्रेणी में आनेवाले ऑटो ही सवारियों के लिए होता है। वहीं नॉन ट्रान्सपोर्ट श्रेणी में आनेवाले ऑटो केवल घर काम में ही आ सकते हैं। उन्हें व्यवसाय करने का अधिकार नहीं होता है। बावजूद इसके शहर में दोनों श्रेणी के ऑटो व्यवसाय करते हैं। जिससे कई बार आरटीओ इन पर कार्रवाई भी करता है। जिसमें कई बार ऑटो चालक परमिट नहीं मिलने के कारण नॉन ट्रान्सपोर्ट ऑटो लेकर व्यवसाय करने की बात कहता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने ऐसे ऑटो चालकों को व्यवसाय श्रेणी में आने का मौका दिया है। 31 दिसंबर तक नॉन श्रेणी में रहनेवाले ऑटो चालकों को रजिस्ट्रेशन कर कानूनी प्रक्रिया पूरी करना है। जिसके बाद वह भी आसानी से शहर में व्यवसाय के तौर पर ऑटो चला सकेंगे।
बढ़ेगा राजस्व
ट्रान्सपोर्ट श्रेणी में चलनेवाले ऑटो द्वारा प्रति वर्ष फिटनेस के साथ टैक्स आदि गतिविधियां की जाती है। जिससे आरटीओ का राजस्व बढ़ता है। भविष्य में 4 नॉन ट्रान्सपोर्ट ऑटो ट्रान्सपोर्ट श्रेणी में आने से राजस्व और ज्यादा बढ़ सकेगा।
बस स्टैण्ड से लेकर रेलवे स्टेशन पर करते हैं, व्यवसाय
वर्तमान स्थिति में शहर में चलनेवाले ऑटो में 4 हजार ऑटो नॉन ट्रान्सपोर्ट ऑटो श्रेणी में शामिल हैं। इन्हें व्यवसाय करने का अधिकार नहीं है। बावजूद इसके बस स्टैण्ड से लेकर रेलवे स्टेशन पर इन ऑटो को व्यवसाय करते देखा जा सकता है। कई बार कार्रवाई के बाद भी नहीं सुधरते हैं। इनकी पहचान सफेद रंग की नंबर प्लेट होती है।
समय-समय पर होती रही कार्रवाई
नॉन ट्रान्सपोर्ट श्रेणी में चलनेवाले ऑटो को लेकर आरटीओ द्वारा लगातार कार्रवाई की जाती है। कुल आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2016-17 में 861 पर कार्रवाई कर 15 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया। 2017-18 में 195 पर कार्रवाई कर 4 लाख वसूले गये। वहीं 2018 से अब तक 300 पर कार्रवाई कर 12 लाख से ज्यादा जुर्माना वसूला गया है।
Created On :   31 Aug 2019 3:32 PM IST