किसान को मुआवजा नहीं देने पर विभागीय आयुक्त और अधिकारियों को मिला नोटिस

Notice issued to departmental commissioners and officials on compensation to farmers
किसान को मुआवजा नहीं देने पर विभागीय आयुक्त और अधिकारियों को मिला नोटिस
किसान को मुआवजा नहीं देने पर विभागीय आयुक्त और अधिकारियों को मिला नोटिस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। किसानों को बदहाली से ऊपर उठाने सरकार ढेरों योजनाएं अमल में ला रही है, लेकिन सरकार के अपने ही बंदे किसानों को इन योजनाओं से वंचित रख रहे हैं। ऐसा ही एक मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने आदेश के बावजूद किसान को मुआवजा नहीं देने वाले अमरावती के विभागीय आयुक्त पीयूष सिंह, पीडब्ल्यूडी कार्यकारी अभियंता सुनील थोटांगे और भू-संपादन अधिकारी मुकेश चौहान को अवमानना नोटिस जारी किया है। बुलढाणा जिले में स्थित शेगांव के नीलकंठ पाटील द्वारा दायर अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने यह नोटिस निकाला है। 

7 एकड़ जमीन ली गई
याचिकाकर्ता के अनुसार उसकी शेगांव में बालापुर रोड पर खेती है, जिसके बगल से राज्यमार्ग क्रमांक 98 गुजरता है। वर्ष 2015 में पीडब्ल्यूडी ने उसे पत्र लिखा और उसकी 7 एकड़ जमीन विकास कार्य के लिए देने का अनुरोध किया। 15 अक्टूबर 2015 को प्राप्त इस पत्र का उन्होंने एक माह में जवाब दिया और प्रकल्प के लिए जमीन देने की हामी भरी, साथ ही तत्कालीन बाजारभाव के अनुसार 7 एकड़ जमीन के बदले 5 करोड़ 81 लाख 69 हजार रुपए का मुअवजा मांगा।

याचिकाकर्ता का दावा है कि पीडब्ल्यूडी ने इसके लिए हामी भरी, लेकिन एक शर्त भी रखी। विभाग ने उनसे जनवरी 2016 तक जमीन का कब्जा मांगा, सरकार से निधि मंजूर करवाकर बाद में उन्हें मुआवाजे की राशि देने का आश्वासन दिया। 

भूमि का मालिक मानने से इनकार
याचिकाकर्ता के अनुसार उन्होंने विभाग को जमीन दी, लेकिन उन्हें लंबे समय तक मुआवजा नहीं मिला। बार-बार अनुरोध करने पर भी बात नहीं बनी, तो उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने भी सरकार को याचिकाकर्ता को मुआवजा देने के आदेश दिए, लेकिन भू-संपादन अधिकारी ने सुनवाई की और उन्हें जमीन का मालिक मानने से ही इनकार कर दिया। ऐसे में याचिकाकर्ता ने कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. अरुण पाटील ने पक्ष रखा। 

Created On :   19 Jan 2019 2:15 PM IST

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