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अब चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बैंच करेगी झोला छाप डॉक्टरों की जमानत अर्जियों पर सुनवाई
![Now a bench headed by Chief Justice will conduct a hearing on the bail applications of doctors Now a bench headed by Chief Justice will conduct a hearing on the bail applications of doctors](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2020/06/now-a-bench-headed-by-chief-justice-will-conduct-a-hearing-on-the-bail-applications-of-doctors_730X365.jpeg)
प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई को लेकर सरकार की ओर से दिए बयान पर हाईकोर्ट ने दी व्यवस्था, अगली सुनवाई 6 को
डिजिटल डेस्क जबलपुर । पात्रता न होने के बाद भी ऐलोपैथी दवाईयों से मरीजों का इलाज करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अनुमति मिलने के बाद भी कार्रवाई न किए जाने का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में शुक्रवार को नया मोड़ आ गया। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि प्रशासन झोला छाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई तो कर रहा, लेकिन कुछ डॉक्टरों को
हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई। इस बयान को गंभीरता से लेते हुए युगलपीठ ने अब झोला छाप डॉक्टरों की जमानत अर्जियों पर सुनवाई इसी याचिका के साथ करने के निर्देश दिए। अगली सुनवाई 6 जुलाई को होगी।
गौरतलब है कि जबलपुर के पत्रकार ऋषिकेश सराफ की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण के दौरान शहर में बड़ी संख्या में आयुर्वेद और होम्योपैथी की डिग्री वाले कुछ डॉक्टर गैरकानूनी तरीके से ऐलोपैथी पद्धति से मरीजों का इलाज कर रहे हैं। उनके द्वारा सर्दी व खांसी के मरीजों का जो गलत इलाज किया जा रहा, उसकी वजह से शहर में कोरोना का संक्रमण और फैलने का खतरा बढ़ गया है। आरोप यह भी है कि स्वास्थ्य विभाग के अलावा कलेक्टर और कमिश्नर ने भी झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति दी। उसके बाद शहर के 28 झोलाछाप डॉक्टरों में से सिर्फ 13 की ही जांच की गई। उनमें से मात्र 5 पर ही एफआईआर की गई। कुछ ही दिनों में बिना किसी कारण के कार्रवाई बंद किए जाने पर यह याचिका दायर की गई। शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पारितोष गुप्ता व राज्य सरकार की ओर से उपमहाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने पक्ष रखा।
Created On :   27 Jun 2020 8:23 AM GMT