अब मालगाड़ियों पर भी होगा विज्ञापन, टीबी की दवाओं का डोज बढ़ा 

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अब मालगाड़ियों पर भी होगा विज्ञापन, टीबी की दवाओं का डोज बढ़ा 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अब माल गाड़ियों पर भी विज्ञापन होगा। मध्य रेल नागपुर मंडल के मंडल सभागृह मे शनिवार को मंडल रेल प्रबंधक सोमेश कुमार के मार्गदर्शन और वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक कृष्णाथ पाटील की अध्यक्षता में विदर्भ एवं मध्य प्रदेश से आए वाणिज्य विज्ञापन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया। कृष्णाथ पाटील ने सभी प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए रेलवे बोर्ड द्वारा विभिन्न परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण के लिए कई महत्वपूर्ण नीतिगत दिशा-निर्देश जारी किए। साथ ही कहा, ‘नॉन फेयर रेवेन्यू' के लिए नई और अभिनव योजनाओं का निर्माण कर प्रोत्साहित किया जा रहा है,ताकि रेलवे की आय मे बढ़ोतरी होगी। इन योजनाओं को यात्री सुविधाओं से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि, वाणिज्य विज्ञापन से रेलवे को अधिक आय के लिए वाणिज्य विज्ञापनों के प्रतिनिधियों को जगह उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि, रेल प्रशासन का उचित सहयोग वाणिज्य विज्ञापन एजेंसियों को मिलेगा। वाणिज्य निरीक्षक/एनएफआर तारा प्रसाद आचार्य ने कहा कि, रेलवे की संपत्ति जैसे रेल के इंजन, सवारी गाड़ी के डिब्बे, मालगाड़ी के डिब्बे रेलवे स्टेशन इत्यादि जगह पर वाणिज्य विज्ञापन के लिए जगह उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे रेलवे को आय होगी। सहायक वाणिज्य प्रबंधक/कोचिंग वी.सी. थूल ने विज्ञापन एजेंसियों की पुरानी समस्याओं के निपटान के लिए रेल प्रशासन द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों से अवगत कराया। बैठक में मंडल वाणिज्य निरीक्षक, जनसंपर्क निरीक्षक, मंडल के सभी खंड वाणिज्य निरीक्षक तथा विदर्भ तथा मध्य प्रदेश के वाणिज्य विज्ञापन के प्रतिनिधि बढ़ी संख्या मे उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन सहायक वाणिज्य प्रबंधक/कोचिंग वी.सी. थूल ने किया।

टीबी की दवाओं का डोज बढ़ा 

बच्चों में लगातार टीबी का प्रमाण बढ़ रहा है। मां या परिवार के किसी सदस्य को होने के कारण बच्चों में बीमारी होने की आशंका ज्यादा होती है। टीबी का उपचार नियमित नहीं लेने के कारण लगातार गाइडलाइन को बदला जा रहा है और यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में टीबी की दवाओं का डोज बढ़ाया गया है। यह बात एकेडमिक ऑफ पीडियाट्रिक्स, नागपुर के अध्यक्ष डॉ.रवि भेलोंडे ने कही। वह शनिवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान आईएमए हाउस बोल रहे थे। इस दौरान सचिव डॉ. महेश तुराले व कार्यशाला समन्वयक डॉ. शिल्पा हजारे व कार्यकारी समिति सदस्य डॉ. अमित डहात उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि प्रदूषण, शहरों में लगातार चल रहे निर्माण कार्य और जीवनशैली बदलाव एक बड़ी समस्या है। फलों सहित अन्य खाद्य पदार्थों पर उपयोग किया जाने वाले कैमिकल एलर्जी का कारण बनते हैं और फिर श्वास से संबंधित बीमारी बन जाती है जिसमें अस्थमा, टीबी आदि कई कारण हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि निजी कंपनी ने देश के तीन राज्य महाराष्ट्र, गुजरात और तेलंगाना को चुना है जिसमें नागपुर में भी शामिल है। यहां वह सरकारी के साथ ही िनजी अस्पतालों में आने वाले मरीज बच्चों का उपचार कर उनका फॉलोअप लेने वाले हैं। यह प्रयोग सफल हुआ तो उसे देशभर में लागू किया जाएगा।

एम्स के डॉ.काबरा करेंगे मार्गदर्शन

कार्यशाला रविवार सुबह 9 से शाम 4 बजे तक इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉ. दिनकर हरदास हॉल में होगी। मुख्य अतिथि एम्स दिल्ली के डॉ. एस.के.काबरा, डॉ. बी.आर.आंबेडकर व एमवीजे मेडिकल कॉलेज बंगलुरु के बालरोग िवशेषज्ञ डॉ. एस.नागभूषण, मुंबई के बालरोग विशेषज्ञ डॉ. उपेंद्र किंजवडेकर, डॉ. उदय बोधनकर, डॉ. रवि भेलाेंडे, डॉ. शुभदा खिरवाडकर उपस्थित रहेंगे।

Created On :   28 July 2019 6:01 PM IST

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