नया फरमान : अब 4 हजार किमी के बाद सीनियर सिटीजन को लगेगी पूरी टिकट

Now after 4 thousand km, senior citizen will get full ticket
नया फरमान : अब 4 हजार किमी के बाद सीनियर सिटीजन को लगेगी पूरी टिकट
नया फरमान : अब 4 हजार किमी के बाद सीनियर सिटीजन को लगेगी पूरी टिकट

डिजिटल डेस्क, नागपुर । एस टी बसों पर निर्भर रहनेवाले सीनियर सिटीजन को अब 4 हजार किमी बस सफर के बाद पूरी टिकट काटनी पड़ेगी। अब तक पूरे सालभर इन्हें आधी टिकट ही लगती थी। लेकिन हाल ही में राज्य सरकार का नया जीआर आया है। जिसमें इस पास सुविधा को लिमिटेड कर दिया है। यानी अब सालभर में 4 हजार किमी का सफर हो जाए तो इन्हें भी सामान्य यात्रियों की तरह ही पूरी टिकट लेनी पड़ेगी।

राज्य मार्ग परिवहन महामंडल की बसें रेलवे के बाद हर किसी के लिए महत्वपूर्ण है। शहर से शहर या शहर से छोटे गांव तक यह बसें कम किराये में यात्रियों को लाने- ले –जाने का काम करती है। सीनियर सिटीजन के लिए यह बसें किसी वरदान से कम नहीं है। क्योंकि अब तक 65 वर्ष के ऊपर के लोगों को बसों की पास मिलती है। मात्र 55 रुपये में सालभर के लिए पास सुविधा मिलती थी। इस पास की सहायता से बुजुर्ग यात्री आधी टिकट में कही भी जा सकते थे। ऐसे में इलाज आदि के लिए सुविधा मिल जाती थी लेकिन अब इसमें बदलाव कर दिया है। यानी अब पास सुविधा मिलेगी तो लेकिन लिमिटेड रहेगी। अब आधी टिकट मिलेगी, लेकिन केवल 4 हजार किमी तक ऐसे में यदि कोई यात्री 4 बार नागपुर-पुणे आना-जाना करता है, तो इसके बाद उन्हें पूरी टिकट लेकर ही बसों में सफर करना पड़ेगा। जिससे की पेंशन पर जीवन यापन करनेवाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि इसे लेकर विरोध करने का इशारा कुछ संगठनों ने दिया है।

पास की अवधि बढ़ाई  
आनेवाले साल में पास की जगह यात्रियों का स्मार्टकार्ड बननेवाला है। यानी कंडक्टर अब पहचानपत्र के नामपर केवल स्मार्ट कार्ड देखेगा। अब तक आधारकार्ड से लेकर वोटिंग कार्ड पहचानपत्र के लिए काम आ रहा था। लेकिन अब यह नहीं चलनेवाला है। जिसके लिए सीनियर सिटीजन को स्मार्टकार्ड बनाना पड़ रहा है। नागपुर के गणेशपेठ डिपो की बात करें तो यहां से हजारों बुजुर्ग यात्री सफर करते हैं।

स्मार्टकार्ड की अवधि अब तक 31 दिसंबर रखी गई थी। जिससे लंबी कतारें लग रही थी। लेकिन अब इससे राहत मिलेगी, क्योंकि स्मार्टकार्ड बनाने की अवधि बढ़ाई गई है। अब 31 मार्च तक यात्री स्मार्टकार्ड बना सकते हैं। संताजी ब्रिगेड संगठन के सहसचिव हितेश बावणकुले ने बताया कि, सीनियर सिटीजन की पास को लेकर जो नया निर्णय लिया गया है। वह उनके हित में नहीं है। इससे कई बुजुर्ग यात्रियों की जेब पर फर्क पड़ेगा। मात्र एक महीने में यदि किसी ने दवाई आदि के लिए हैदराबाद या पुणे के चार चक्कर लगाये तो उसकी लिमिट खत्म हो जाएगी। जिससे आनेवाले समय में सालभर उसे पूरी टिकट लेकर ही सफर करना पड़ेगा।

Created On :   30 Dec 2019 3:33 PM IST

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