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अब रासायनिक सब्जियों और फलों की होगी जांच
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बाजारों में आने वाले रासायनिक फलों और सब्जियों के चलते आम जनता के स्वास्थ्य को खतरा हो रहा है। लगातार सब्जियों के साथ रासायनिक तत्वों के शरीर में पहुंचने से कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारियां भी हो रही हैं। ऐसे में खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑफ इंडिया) ने नई पहल आरंभ की है, जिसके तहत अब नागरिकों को कच्ची खाद्य एवं प्रसंस्करण सामग्री की शुद्धता को कड़े मानकों पर परख कर नए मानदंड बनाए जा रहे हैं। पिछले साल जून से 31 दिसंबर 2021 तक चलने वाले अभियान को "ईट राइट चैलेंज" नाम दिया गया है। अभियान में पूरे देश में 150 शहरों में सब्जी, फल विक्रेताओं के साथ ही स्ट्रीट फूड वेंडर्स को शामिल किया जाएगा। अभियान में राज्य के 26 प्रमुख शहरों के साथ नागपुर सहित वर्धा और चंद्रपुर का समावेश किया गया है। इन स्थानों पर सार्वजनिक स्थानों के फुटपाथ दुकानदारों, फल और सब्जी विक्रेताओं के सामग्री के नमूनों को संकलित किया जा रहा है। इन नमूनों की जांच के बाद नई नीति के निर्धारण के लिए परिणामों का परीक्षण किया जाएगा। पांच मानकों के अभियान को पूरा करने पर शहर में शुद्ध और पौष्टिक खाद्य सामग्री के स्ट्रीट फूड, सब्जी और फलों को आम नागरिक पा सकेंगे।
ईट राइट चैलेंज में लक्ष्मीनगर परिसर के माटे चौक से अंबाझारी तक 30 खाद्य विक्रेताओं का चयन किया गया है। इन विक्रेताओं की ओर से बिक्री होने वाले प्रसंस्करित खाद्य श्रेणी में मंचूरियन, चिली पनीर, छोला कुलछा, आइस्क्रीम और फालूदा के नमूनों को लिया गया है। इसके अलावा तीन सब्जी और फल बाजार से कच्ची सामग्री के नमूने लिए गए हैं। इनमें महात्मा फुले बाजार, कलमना बाजार और गोकुलपेठ बाजार का समावेश है। इन सब्जी और फल विक्रेताओं से गाजर, गोभी, टमाटर, मेथी, फरास बीन, हरी धनिया, सहित अन्य हरी सब्जियों को संकलित किया गया है। इन नमूनों को मानेवाड़ा की प्रयोगशाला में पांच मानकों पर प्राथमिक तौर पर जांच की जाएगी। इस जांच में सामग्री के रंग, कीटनाशक प्रयोग, धातु मिश्रण की जांच कर परिणाम निकाले जाएंगे। मिलावट पाए जाने पर दोबारा से प्रयोगशाला में जांच कर एफएसएसएआई को भेजा जाएगा, ताकि रासायनिक प्रयोग को प्रतिबंधित करने पर मानक बनाए जा सकें।
ईट राइट अभियान में महानगरपालिका की अनदेखी के चलते अन्न एवं औषधि प्रशासन को विफलता का सामना करना पड़ा है। पिछले साल विभाग ने फुटाला के समीप अभियान को आरंभ किया था। निजी खाद्य निर्माता एजेंसी नेस्ले की सामाजिक दायित्व निधि (सीएसआर फंड) से स्ट्रीट फूड वेंडर्स को प्रशिक्षण देने का प्रयास किया गया था। इसके लिए मॉडल मोबाइल फूड वैन, वेंडर्स के लिए ग्लोव्ज अप्रेन भी 40 विक्रेताओं को मुहैया कराए गए थे, लेकिन मनपा की ओर से अधिकृत हाॅकर्स जोन नहीं घोषित होने से अभियान को रोक देना पड़ा है। अब नए सिरे से माटे चौक से अंबाझरी तक के 30 वंेडर्स को प्रशिक्षण देकर अभियान को पूरा करने का प्रयास हो रहा है। वहीं दूसरी ओर कलमना, गोकुलपेठ और महात्मा फुले बाजार में स्वच्छता को लेकर भी मनपा की अनदेखी का सामना करना पड़ रहा है। इन बाजारों में सब्जी और फलों के कचरे को संकलन और व्यवस्थापन में लापरवाही हो रही है। इसके साथ ही स्वच्छ पानी और अन्य इंतजामों को लेकर भी लापरवाही हो रही है।
Created On :   4 Jan 2022 7:37 PM IST