मुंबई के सभी थाने में होगा सायबर सेल, आर्थर रोड जेल की सुरक्षा के लिए भी समिति गठित 

Now every police station in Mumbai will have their own cyber cell
मुंबई के सभी थाने में होगा सायबर सेल, आर्थर रोड जेल की सुरक्षा के लिए भी समिति गठित 
मुंबई के सभी थाने में होगा सायबर सेल, आर्थर रोड जेल की सुरक्षा के लिए भी समिति गठित 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। दुष्यंत मिश्र। इंटरनेट क्रांती के साथ ही साइबर अपराध का खतरा भी बढ़ गया है। साइबर क्राइम के मामले में सबसे आगे रहने वाली मुंबई में इससे निपटने के लिए पुलिस ने नई रणनीति बनाई है। महानगर के सभी 93 पुलिस स्टेशनों में स्वतंत्र साइबर कक्ष बनाने का फैसला किया गया है। फिलहाल प्रादेशिक विभाग स्तर पर इसे पांच जगहों पर शुरू कर दिया गया है पुलिस वालों की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद सभी पुलिस स्टेशनों में यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। हाल ही में जारी नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो और मुंबई पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि देश के 19 बड़े महानगरों में साइबर अपराध के मामले में मुंबई अव्वल है।

साल 2016 में यहां साइबर अपराध के 980 मामले सामने आए थे जबकि इस साल 31 अक्टूबर तक 1095 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इसी के मद्देनजर हर पुलिस स्टेशन में साइबर अपराध जांच व रोकथाम कक्ष बनाने का फैसला किया गया है। इस कक्ष में एक पुलिस इंस्पेक्टर, दो सहायक पुलिस इंस्पेक्टर या पुलिस उपनिरीक्षक दर्जे के अधिकारी होंगे। इसके अलावा तीन से चार पुलिस कर्मचारी भी विशेष कक्ष के लिए नियुक्त किए जाएंगे।

मिलेगा खास प्रशिक्षण

साइबर कक्ष में तैनात पुलिसकर्मियों को ऐसे अपराधों से निपटने के लिए विशेष रुप से प्रशिक्षित किया जा रहा है। क्योंकि परेशानी सिर्फ अपराध दर्ज किए जाने की नहीं है। ऐसे मामलों में आरोपियों को सजा दिलाने के मामले में मुंबई पुलिस अब तक फिसड्डी साबित हुई है और अब तक दर्ज मामलों में से मुंबई पुलिस 1908 मामलों की जांच तक नहीं शुरू कर पाई। फिलहाल बांद्रा-कुर्ला कांप्लेक्स में एक अलग साइबर पुलिस स्टेशन भी है लेकिन बढ़ते मामलों को देखते हुए यह नाकाफी साबित हो रहा था।

नव निर्मित कक्ष के अधिकारी साइबर अपराधों की छानबीन, दोष सिद्धि की दर बढ़ाने, विभिन्न ऐप के इस्तेमाल से जुड़ा प्रशिक्षण, जांच के दौरान निर्धारित मापदंडों का पालन करने और साइबर अपराध रोकने के लिए कदम उठाएंगे। मुंबई में साइबर अपराध की शिकायत 9820810007 पर की जा सकेगी। साइबर सेल डीसीपी अकबर पठान के मुताबिक लोगों को स्थानीय पुलिस स्टेशन की जानकारी होती है इसलिए वे वहां तुरंत पहुंचकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। डेबिट/क्रेडिट कार्ड से ठगी के मामलों में जल्द जांच शुरू होने से पैसे वापस मिलने की उम्मीद बढ़ जाती है, क्योंकि ठगी करने वाले सीधे रकम अपने खाते में नहीं ट्रांसफर करते। इससे अपराधियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी ”

आर्थर रोड जेल की सुरक्षा के लिए समिति गठित

उधर आर्थर रोड जेल की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए प्रदेश सरकार ने समिति गठित की है। सोमवार को प्रदेश सरकार के गृह विभाग की तरफ से इस संबंध में शासनादेश जारी किया गया। सरकार ने मुंबई के सह पुलिस आयुक्त की अध्यक्षता में तीन सदस्यों वाली समिति बनाई है। सरकार ने समिति को एक महीने में जेल की सुरक्षा में सुधार को लेकर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। सरकार का कहना है कि आर्थर रोड जेल के आसपास बड़े पैमाने पर झोपड़पट्टी है। इसके पास ही मोनो रेल का स्टेशन है।  जेल की लाइट व्यवस्था, दीवारों की ऊंचाई, गार्डों की नियुक्ति, जेल के आसपास होने वाले विकास को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा व्यवस्था में जरूरी सुधार की सिफारिश समिति को करना है। समिति में मुंबई दक्षिण विभाग के विशेष पुलिस महानिरीक्षक और नगर विकास विभाग के सह सचिव को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। 

Created On :   4 Dec 2017 3:31 PM GMT

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