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अब रामटेक में होगा कालिदास महोत्सव: बावनकुले

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि कालिदास महोत्सव के माध्यम से कला व संस्कृति का संवर्धन होता है। अब हर साल रामटेक में कालिदास महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। वे रामटेक के नेहरू भवन मैदान पर आयोजित कालिदास राष्ट्रीय लोक महोत्सव व आदिवासी संस्कृति पर्व के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे।
चार राज्यों के कलाकार होंगे शामिल
बावनकुले ने कहा कि कालिदास महोत्सव के माध्यम से कालिदास काव्य व ऐतिहासिक व सांस्कृतिक परंपरा का दर्शन पूरे देश में पहुंचाने का प्रयास हो रहा है। लोक व आदिवासी नृत्य का आविष्कार भारतीय संस्कृति का दर्शनवाला कार्यक्रम है। चार राज्यों के कलाकार यहां अपनी प्रतिभा पेश करेंगे। बता दें कि इस मंच पर कलाकारों को मंच मिलता है। शास्त्रीय संगीत, नृत्य के अलावा नाटिका की प्रस्तुति भी होती है।
स्थापित की जाएगी प्रतिमा
विधायक रेड्डी ने कहा कि रामटेक के विकास के लिए 150 करोड़ का प्रारूप तैयार किया गया है। इससे रामटेक को अच्छी सुविधा मिलेगी। रामटेक गढ़ पर कालिदास की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। रामटेक का संस्कृत विद्यापीठ रामटेक का वैभव है। रामटेक का इतिहास में भी उल्लेख है। कलाकारों की प्रस्तुति से संस्कृति और कला का संगम यहां अमिट छाप छोड़ेगा। भंडारा के कलाकारों ने गणेश वंदन से कालिदास महोत्सव की शुरुआत की। छत्तीसगढ़ का पंथी व मध्यप्रदेश की शैला व कर्मा आदिवासी नृत्य गुदमबाजा नृत्य व राजस्थान का कालबेलिया, भवाई नृत्य, मांगनियार लोक गायन मुख्य आकर्षण रहा। महोत्सव में बड़ी संख्या में रामटेकवासियों ने शिरकत की।
इनकी रही उपस्थिति
मंच पर प्रमुखता से सांसद कृपाल तुमाने, विधायक मल्लिकार्जुन रेड्डी, विभागीय आयुक्त अनूप कुमार, नगराध्यक्ष दिलीप देशमुख, पूर्व विधायक आशीष जायस्वाल, पूर्व विधायक पांडुरंग हजारे, आनंदराव देशमुख, कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विद्यापीठ के कुलगुरु श्रीनिवास वरखेडी, अपर आदिवासी आयुक्त माधवी खोडे, मुख्य कार्यपालन अधिकारी डा. कादंबरी बलकवडे, एमटीडीसी के हनुमंत हेडे, गड़चिरोली के जिलाधीश डा. शेखर सिंह, वन विभाग के प्रधान मुख्य वनसंरक्षक श्रीनिवास रेड्डी उपस्थित थे।

Created On :   29 Jan 2018 1:01 PM IST