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घर मालिक कर सकते हैं अपने निवास का फैसला - HC
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने बीते 10 वर्षों से चले आ रहे संपत्ति विवाद पर एक अहम निर्णय दिया है। सर्वोच्च न्यायालय के विविध फैसलों के मद्देनजर हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि एक घर मालिक को अपने रहने या फिर व्यवसाय करने की जरुरत खुद तय करने का अधिकार है। वह अपनी मर्जी से इसका फैसला कर सकता हैं, कानूनन उसे इस बात की पूरी स्वतंत्रता है।
हाईकोर्ट ने शहर के नंदनवन निवासी नीलकंठराव चुटे के पक्ष में फैसला देते हुए उनके दो किराएदारों को दुकान के कमरे खाली करने के आदेश जारी किए हैं। इस मामले में मकान मालिक और किराएदारों का आजीविका का प्रश्न था। कोर्ट में चली लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है, जिसमें मकान मालिक को अपनी संपत्ति को अपने हिसाब से इस्तेमाल करने की छूट होने का उल्लेख हाईकोर्ट ने अपने फैसले में किया है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड.अनिल किल्लोर ने पक्ष रखा।
6 माह में खाली करो
हाईकोर्ट में यह भी निरीक्षण दिया कि यदि कोई व्यक्ति किसी स्थल से अपनी आजीविका चलाता हो तो उसे खाली करने पर उसके रोजगार पर जरूर असर पड़ेगा, लेकिन यदि यही नजरिया अपनाया गया तो किसी किराएदार को कभी किराए की दुकान या घर खाली ही नहीं करना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में किराएदार को किराए की जगह खाली करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। ऐसे में कोर्ट ने किराएदारों को 6 माह में दुकानें खाली करने के आदेश दिए हैं। उन्हें इसी बीच की अवधि का किराया अदा करने और किसी तीसरे व्यक्ति को कमरों का कब्जा न देने के आदेश जारी किए गए हैं।
यह था विवाद
याचिकाकर्ता की नंदनवन में "साई सदन" नामक इमारत है। जहां उन्होंने दो दुकानें किराए पर दिए थे। किराएदारों से विवाद होने पर उन्होंने स्माॅल कॉजेस कोर्ट में अक्टूबर 2009 में मुकदमा दायर कर दुकानें खाली कराने की विनती की थी। कोर्ट ने 7 दिसंबर 2011 को किराएदारों को 1 माह के भीतर दुकानें खाली करने का आदेश दिया। इसे किराएदारों ने जिला न्यायालय में चुनौती दी। जिला न्यायालय ने स्मॉल कॉजेस कोर्ट का आदेश रद्द कर दिया। इसके बाद मकानमालिक ने हाईकोर्ट की शरण ली थी।
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि उनकी बहू को अपने ब्यूटी पार्लर के व्यवसाय के विस्तार लिए इन दोनों दुकानों की जरूरत है। इसी उद्देश्य से वे दुकान के कमरे खाली कराना चाहते हैं। इसके विरोध में किराएदारों ने हाईकोर्ट में दलील दी कि मकान मालिक के पास ब्यूटी पार्लर के अलावा भी आय के कई स्रोत हैं। दुकानें खाली करने से उनकी रोजी रोटी का प्रश्न उपस्थित हो जाएगा। इसलिए उनसे दुकानें खाली नहीं कराई जानी चाहिए।
Created On :   28 Jan 2019 12:22 PM IST