अब निजी कंपनियां भी खोल सकेंगी स्कूल, विधानसभा में बिल पास 

Now, private companies will open schools, bill pass in assembly
अब निजी कंपनियां भी खोल सकेंगी स्कूल, विधानसभा में बिल पास 
अब निजी कंपनियां भी खोल सकेंगी स्कूल, विधानसभा में बिल पास 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अब राज्य में रजिस्टर्ड कंपनियां भी स्कूल खोल सकेंगी। स्कूल बिल (सुधारण) 2017 करीब 4 घंटे की चर्चा के बाद बुधवार को विधानसभा में पारित हो गया। शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने कहा कि पंजीकृत कंपनियां स्कूल खोल सकेंगी। यहां आरटीआई के तहत 25 फीसदी सीटें भी दी जाएंगी। इन स्कूलों पर सरकार की सख्त नजर रहेगी आैर स्थानीय विधायकों की सूचना और दखल पर भी स्कूल प्रबंधन को ध्यान देना होगा। शिक्षा की गुणवत्ता, स्तर और व्यापकता बढ़ाने के लिए कंपनियों को शिक्षा क्षेत्र में उतारने का जवाब तावड़े ने दिया। 

कोई भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित न रहे

स्कूल बिल (सुधारण) पर पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार सहित 20 सदस्यों ने चर्चा कर अपने विचार रखे। सदस्यों की चर्चा का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री तावड़े ने कहा कि स्कूलों और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कंपनी एक्ट (सेक्शन 8) के तहत कंपनियों को स्कूल शुरू करने की इजाजत दी जा रही है। इसमें आरटीआई के माध्यम से 25 फीसदी सीटें भरी जाएंगी आैर 15 फीसदी से ज्यादा फीस नहीं बढ़ाई जा सकेगी। पैरेंट्स टीचर एसोसिएशन (पीटीए) को आैर प्रभावी किया गया है। पी रेगूलेशन एक्ट को भी आैर प्रभावी बनाया जाएगा। इन स्कूलों में गरीब और जरूरतमंदों को प्रवेश मिले, इसका पूरा ख्याल रखा गया है। 

25 हजार विद्यार्थी जिला परिषद के स्कूलों में लौटे

शहरी क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में भी स्कूल खोले जाएंगे। स्थानीय विद्यार्थियों को इन स्कूलों में प्रवेश में प्राथमिकता दी जाएगी। पात्र शिक्षक ही यहां रखे जाएंगे आैर आरक्षण की भी व्यवस्था रहेगी। 8वीं तक मराठी विषय रखना अनिवार्य है आैर इसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर के विषय रखे जा सकते हैं। विनोद तावड़े ने कहा कि पिछले दो साल में निजी अंग्रेजी स्कूल के 25 हजार विद्यार्थी जिला परिषद के स्कूलों में लौटे। तीन विद्यार्थी वाले स्कूल के टीचर को भी नहीं हटाया, जबकि पूर्व सरकार की नीति कुछ अलग थी। राज्य सरकार शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय बोर्ड (आईबी) शुरू करेगा आैर अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा देने वाली 100 स्कूलें शुरू की जाएगी। 

12वीं तक मराठी अनिवार्य करें 

राकांपा नेता पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि मराठी अस्मिता कायम रखने के लिए 12वीं तक मराठी विषय अनिवार्य करना चाहिए। शिक्षा के बाजारीकरण का विरोध करते हुए कहा कि शिक्षा में कुछ ही लोगों का दबदबा नहीं होना चाहिए। उन्होंने बिल का विरोध करते हुए कहा कि चुनिंदा लोगों के फायदे का काम नहीं होना चाहिए। स्कूलों में मैदान होना ही चाहिए। शिक्षा पैसा कमाने का धंधा नहीं बनना चाहिए। 

निजीकरण की सीमा तय हो

पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि शाला का निजीकरण कितना हो, इसकी भी सीमा होनी चाहिए। न नफा, न नुकसान की तर्ज पर कंपनियां कितनी खरी उतरेंगी, इस पर भी सवाल उठाए। स्कूल फीस पर नियंत्रण होना जरूरी है। अंग्रेजी स्कूलें शुरू करते समय सरकारी स्कूलों पर असर न हो इसका ध्यान रखने की नसीहत दी। 

ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों को खतरा 

शेकाप के पंडित शेठ पाटील ने कहा कि ये स्कूल ग्रामीण क्षेत्र में खुलने चाहिए, ताकि इसका लाभ ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को हो। शिक्षा के बाजारीकरण के कारण ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल बंद हो रहे हैं। डोनेशन प्रथा बंद होनी चाहिए। मराठी स्कूलों की हालत सुधारने की कोशिश हो। 

Created On :   20 Dec 2017 9:42 PM IST

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