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अब इन किसानों को भी कर्ज माफी देने का विचार, 2001 के बाद के किसानों को मिलेगा लाभ

डिजिटल डेस्क,नागपुर। राज्य सरकार अब 2001 के बाद के किसानों को भी कर्ज माफी देने की तैयारी कर रही है इसके लिए स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) ने राज्य के सभी जिला मध्यवर्ती व राष्ट्रीयकृत बैंकों से साल 2001 से किसानों के कर्ज का डाटा मांगा है। नागपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक सहित सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों ने किसानों के कर्ज से संबंधित डाटा एसएलबीसी को भेज दिया है।
53 हजार किसान पात्र
सूत्रों की मानें तो सरकार 2001 से किसानों को कर्जमाफी देने पर गंभीरता से विचार कर रही है। वर्तमान में जो कर्जमाफी मिली है, उसमें जिले के अभी तक 53 हजार किसान कर्जमाफी के लिए पात्र हुए हैं। राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2009 से 31 मार्च 2016 तक के किसानों का कर्ज माफ किया है। जिले में अभी तक इसके लिए 53 हजार किसान पात्र हुए हैं। तहसीलदारों की अध्यक्षता में बनी कमेटी की सिफारिश के बाद यह आंकड़ा थोड़ा बढ़ सकता है। राज्य सरकार के आदेश पर एसएलबीसी ने राज्य के सभी जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक व राष्ट्रीयकृत बैंकों से किसानों के साल 2001 से कर्ज का डाटा मांगा है। सूत्रों के अनुसार सरकार के प्रति किसानों में बढ़ते रोष को कम करने के लिए यह पैंतरा आजमाया जा रहा है। सरकार का मानना है कि 2001 से कर्जमाफी दी तो किसानों के मन में सरकार के खिलाफ जो विरोध है, वह काफी हद तक कम हो सकता है। आगामी मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर चर्चा हो सकती है।
सरकार लेगी निर्णय
एसएलबीसी ने सभी बैंकों से 2001 से किसानों के कर्ज का डाटा मांगा था। एनडीसीसी सहित सभी बैंकों ने यह डाटा एसएलबीसी को भेज दिया है। एसएलबीसी ने यह डाटा सरकार से साझा किया है। 2001 से कर्जमाफी देने पर विचार हो रहा है। हालांकि इस पर निर्णय सरकार को ही करना है। इसमें एनडीसीसी बैंक के 8 हजार किसान शामिल हैं। जिले में यह आंकड़ा 27 हजार तक पहुंच सकता है।
-सतीश भोसले, जिला उपनिबंधक (सहकार) नागपुर.
Created On :   31 March 2018 2:01 PM IST