क्या अब पोषण आहार के तहत बच्चों को सिर्फ सादे चावल मिलेंगे ?

Now under the Nutrition Diet children will get just plain rice
क्या अब पोषण आहार के तहत बच्चों को सिर्फ सादे चावल मिलेंगे ?
क्या अब पोषण आहार के तहत बच्चों को सिर्फ सादे चावल मिलेंगे ?

डिजिटल डेस्क,नागपुर। एक तरफ आंगनबाड़ियों में हड़ताल के चलते पोषण आहार की व्यवस्था चरमरा गई है तो वहीं अब विद्यार्थियों को सादा चावल परोसने की तैयारी कर ली है। शालेय पोषण आहार के लिए आवश्यक सामग्री की खरीदी पर किए गए खर्च की बकाया रकम मुख्याध्यापकों को आवंटित नहीं किए जाने से सरकार की पोषण आहार योजना पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।

गौरतलब है कि शिक्षा का स्तर सुधारने का ढिंढोरा पीटने वाली सरकार विद्यार्थियों को पोषण आहार भी नहीं दे पा रही है। मुख्याध्यापकों ने सरकार के रवैये से तंग आकर 3 अक्टूबर से छात्रों को केवल चावल परोसने की तैयारी में है। पहली से 8वीं कक्षा तक जिले में 3 लाख 77 हजार 748 विद्यार्थी पढ़ते हैं। प्रति विद्यार्थी देय अनुदान के हिसाब से एक दिन का खर्च 19 लाख और महीने भर का खर्च 5 करोड़ के आसपास है। 3 महीने का 15 करोड़ रुपए सरकार पर बकाया है। सरकार की ओर से केवल चावल आपूर्ति की जाती है। अन्य सामग्री की खरीदी के लिए मुख्याध्यापकों को अपनी जेब से खर्च करना पड़ रहा है। प्रधानाध्यापकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाले जाने से परेशान होकर 3 अक्टूबर से विद्यार्थियों को केवल चावल परोसने की चेतावनी शिक्षक समन्वय समिति ने दी है। 

करार खत्म तो आपूर्ति बंद
शालेय पोषण आहार योजना के तहत कक्षा एक से 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों को पोषण आहार दिया जाता है। इसके लिए चावल, दाल, तेल, मसाला, मिर्च आदि सरकार की ओर से आपूर्ति की जाती है। पिछले 3 महीने से केवल चावल की आपूर्ति की जा रही है। अन्य सामग्री की आपूर्ति करने वाली कंपनी का करार समाप्त होने से आपूर्ति बंद हो गई। पोषण आहार जारी रखने के लिए नई व्यवस्था होने तक मुख्याध्यापकों पर यह बोझ डाला गया।

नहीं दिया एडवांस
कक्षा पहली से चौथी तक 4.13 रुपए और पांचवीं से 8वीं तक 6.18 रुपए प्रति विद्यार्थी अनुदान दिया जाता है। यह खर्च चलाने के लिए अग्रिम निधि उपलब्ध नहीं कराई गई। 3 महीने से मुख्याध्यापकों पर बोझ बढ़ता ही जा रहा है। आंगनबाड़ी कर्मचारी हड़ताल पर चले जाने के बाद वैकल्पिक व्यवस्था का दावा कर कागजों पर पोषण आहार वितरण किया जा रहा है, वहीं स्कूलों में पोषण आहार के लिए आने वाला खर्च मुख्याध्यापकों की जेब से करवाया जा रहा है। नागपुर जिला शिक्षक समन्वय समिति के अध्यक्ष लीलाधर ठाकरे ने सरकार से मिलने वाला केवल चावल पकाकर 3 अक्टूबर से विद्यार्थियों को परोसने की चेतावनी दी है।

Created On :   3 Oct 2017 12:56 PM IST

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