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नागपुर और सांगली में एसीबी के जाल में फंसे भ्रष्ट अधिकारी, गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, पुणे। प्राथमिक स्वाथ्य केन्द्र में मुफ्त इलाज होने के बावजूद मरीज से 30 रूपए की रिश्वत लेने के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने स्वाथ्य अधिकारी को रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई शुक्रवार को सांगली स्थित कुरलप गांव में की गई। एंटी करप्शन ब्युरो के मुताबिक डॉ. नितीन बापू चिवटे (46, इस्लामपुर) को गिरफ्तार किया गया है। उस पर थाने में मामला दर्ज किया गया है। कुरलप गांव में प्राथमिक स्वाथ्य केन्द्र है जहां मुफ्त में इलाज किया जाता है। केन्द्र में डॉ. चिवटे बतौर स्वाथ्य अधिकारी कार्यरत है। ऐतवड़े खुर्द गांव का एक मरीज इलाज के लिए केन्द्र गया हुआ था। उस समय डॉ. चिवटे ने उस से तीस रूपये देने की मांग की। मरीज के डॉ. चिवटे के खिलाफ शिकायत दी। उसके बाद शुक्रवार को एंटी करप्शन ब्युरो ने जाल बिछाकर डॉ. चिवटे को रंगेहाथ गिरफ्तार किया।
गणेशपेठ बस डिपो का व्यवस्थापक एसीबी के जाल में फंसा
उधर नागपुर में एसीबी के दस्ते ने शुक्रवार को कॉटन मार्केट चौक स्थित बियर बार में छापामारा। महाराष्ट्र राज्य परिवहन के गणेशपेठ स्थित बस स्थानक डिपो के व्यवस्थापक को तीन हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथो पकड़ा गया है। गणेशपेठ थाने में प्रकरण दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। शिकायतकर्ता महाराष्ट्र राज्य परिवहन विभाग के गणेशपेठ स्थित बस डिपो कंडक्टर है। गत तीन माह से वह पीलिया से पीड़ित था। इस कारण अवकाश पर था। अवकाश और अवकाश के दौरान का वेतन मंजूर करवाने के लिए व्यवस्थापक विजय पंजाबराव कुडे 56 वर्ष को आवेदन किया था। उसका आवेदन भी मंजूर हो गया था। 61 दिन का वेतन भी मंजुर किया गया था,लेकिन इसके बदले में विजय ने उसे 3 हजार रुपए के रिश्वत की मांग की थी। इसके लिए बार-बार उसे परेशान िकया जा रहा था। इससे त्रस्त हुए कंडक्टर ने एसीबी को इसकी शिकायत की थी। प्रकरण की गंभीरता से एसीबी ने सुनियोजीत योजना के तहत विजय को घेरने की योजना बनाई। शुक्रवार की शाम को विजय ने रिश्वत की रकम लेकर कंडक्टर को कॉटन मार्केट चौक स्थित डिप्लोमेट नामक बियर बार में बुलाया था। तय योजना के तहत बार में छापामारकर विजय को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों को पकड़ा गया है। इसके बाद रात दस बजे विजय के गणेशपेठ स्थित सरकारी निवासस्थान पर एसीबी ने छापामारा। उसके चल-अचल संपती के बारे में देर रात तक जांच पड़ताल जांरी रही। इससे अन्य अधिकारी और कर्मचारियों में भी हड़कंप मचा रहा। समाचार लिखे जाने तक प्रकरण दर्ज करने की प्रक्रिया जारी थी।
Created On :   26 July 2019 10:32 PM IST