Pune News: शिंदे गुट के सांसद श्रीरंग बारणे पर चलेगा मुकदमा, चुनावी घोषणा पत्र में गलत जानकारी देने का मामला

शिंदे गुट के सांसद श्रीरंग बारणे पर चलेगा मुकदमा, चुनावी घोषणा पत्र में गलत जानकारी देने का मामला
  • चुनावी घोषणा पत्र में गलत जानकारी
  • मामले में वडगांव मावल कोर्ट का आदेश
  • श्रीरंग बारणे पर चलेगा मुकदमा

Pune News. मावल लोकसभा क्षेत्र से शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद श्रीरंग बारणे के खिलाफ चुनावी घोषणापत्र में गलत जानकारी देने के मामले में मुकदमा चलाया जाएगा। उन पर चुनावी नामांकन के दौरान घोषणा पत्र में शैक्षिक योग्यता एवं आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाने का आरोप है। इस पर वड़गांव मावल के विशेष न्यायालय ने यह आदेश दिया। पूरा मामला सामाजिक कार्यकर्ता अनिल भांगरे और डॉ. अभिषेक हरिदास द्वारा दायर की गई शिकायत पर आधारित है।

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि बारणे ने 2009 और 2019 की लोकसभा चुनावी प्रक्रिया के दौरान दाखिल नामांकन पत्र के साथ दिए गए घोषणा पत्रों में जानबूझकर विरोधाभासी और भ्रामक जानकारी प्रस्तुत की। शिकायत में कहा गया है कि वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान दिए गए के घोषणा पत्र में सांसद श्रीरंग बारणे की शैक्षणिक योग्यता "दसवीं उत्तीर्ण, सन् 1989' लिखी गई थी, जबकि वर्ष 2019 के चुनावी घोषणा पत्र में उनकी शैक्षणिक योग्यता "दसवीं अनुत्तीर्ण' दर्ज की गई है।

इतना ही नहीं, सांसद बारणे ने अपने विरुद्ध लंबित मामलों की पूरी जानकारी भी शपथ पत्र में नहीं दी। इसमें पिंपरी न्यायालय में लंबित और निगड़ी पुलिस थाने में दर्ज मामले की जानकारी छिपाए जाने का आरोप भी शिकायतकर्ताओं ने लगाया है। न्यायालय ने शैक्षणिक योग्यता में पाई गई विसंगति और लंबित मामलों की अधूरी जानकारी को गंभीर मानते हुए कहा कि यह मामला जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 125-ए के अंतर्गत आता है। पुलिस जांच रिपोर्ट और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने बारणे के खिलाफ मुकदमा चलाने योग्य आधार पाया और उनके विरुद्ध प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया।

अनिल भांगरे, शिकायतकर्ता के मुताबिक, हम 2021 से इस मामले में अनुवर्ती कार्यवाही कर रहे हैं। हमारी शिकायत के आधार पर अदालत ने वड़गांव मावल पुलिस को जांच का आदेश दिया था। पुलिस ने लगभग एक साल पहले रिपोर्ट पेश की थी। पुलिस जांच में पता चला कि हमारी शिकायत सही थी। जब हमने अदालत से दोबारा गुहार लगाई तो अदालत ने अंततः मामले को अदालत में चलाने की अनुमति दे दी।


Created On :   18 Sept 2025 8:24 PM IST

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