विधानसभा में औसतन 7.46 घंटे हुआ रोजाना काम, नागपुर में सत्र कराने पर विचार

On Average Maharashtra Assembly work 7.46 hours on daily basis
विधानसभा में औसतन 7.46 घंटे हुआ रोजाना काम, नागपुर में सत्र कराने पर विचार
विधानसभा में औसतन 7.46 घंटे हुआ रोजाना काम, नागपुर में सत्र कराने पर विचार

डिजिटल डेस्क, नागपुर| उपराजधानी से  राज्य के मंत्रियों और नेताओं का काफिला रवाना हो चुका है। 11 दिसंबर से 22 दिसंबर तक की अवधि में दस दिनों का इस बार शीतसत्र रहा। देखा जाए तो इस दौरान विधानसभा में हंगामे व गतिरोध के बीच औसतन 7.46 घंटे कामकाज हुआ। कुल 79.57 घंटे काम-काज रिकार्ड किया गया। 10 बैठकें हुईं। मंत्री की अनुपस्थिति के कारण 10 मिनट व अन्य कारणों से 4.16 घंटे काम-काज नहीं हो पाया। 9250 तारांकित प्रश्नों में से 670 प्रश्न स्वीकृत किए गए। 34 मौखिक प्रश्न थे। 3 अल्पसूचना में से 1 स्वीकृत हुई। 2768 ध्यानाकर्षण सूचना में 129 स्वीकृत की गई। 37 पर चर्चा हुई। 19 विधेयक सभागृह पटल पर रखे गए। 11 विधेयकों को दोनों सदनों में मंजूरी मिली। सदस्यों की औसतन उपस्थिति 79.26 प्रतिशत व अधिकतम उपस्थिति 91.05 प्रतिशत रही।
26 फरवरी को मुंबई में अधिवेशन : 26 फरवरी 2018 को विधानमंडल का अधिवेशन मुंबई में होगा।

शीतसत्र के बजाय नागपुर में मानसून सत्र पर विचार:  उपराजधानी नागपुर में विधानमंडल का शीतसत्र के बजाय मानसून सत्र के आयोजन पर विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में यह जानकारी दी । उन्होंने कहा कि मुुंबई में बजट अधिवेशन नागपुर के अधिवेशन के कुछ समय बाद ही होता है। बारिश के कारण मुंबई में पिछले कुछ वर्षों से यातायात व्यवस्था प्रभावित होने लगी है। सर्वसमावेशक सुविधा के अनुरूप नागपुर में मानसून सत्र के आयोजन पर विचार किया जाा रहा है। इस संबंध में विधानमंडल की काम-काज सलाहकार समिति को प्रस्ताव दिया गया है। कामकाज सलाहकार समिति प्रस्ताव पर चर्चा करेगी। उसके बाद निर्णय लिया जाएगा। राकांपा नेता अजित पवार ने कहा है कि विदर्भ में किसानों को राहत देने के िलए शीतसत्र का आयोजन किया जाता है। किसानों की समस्या पर जवाब देने में सरकार को दिक्कत आती है। लिहाजा वह यहां बारिश के समय मानसून सत्र का आयोजन करना चाहती है। 
 

Created On :   23 Dec 2017 2:09 PM IST

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