केंद्र की तर्ज पर अब राज्य में भी दिव्यांग कर्मचारियों को मिलेगा पदोन्नति में आरक्षण
डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश में दिव्यांग कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण लागू करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इससे केंद्र सरकार के 17 मई, 2022 के आदेश की तर्ज पर दिव्यांग कर्मचारियों को समूह डी से समूह ए के निम्न स्तर तक पदोन्नति का आरक्षण लागू हो सकेगा। दिव्यांग कर्मचारियों को समूह डी से समूह डी, समूह डी से समूह सी, समूह सी से समूह सी, समूह सी से समूह बी, समूह बी से समूह बी और समूह बी से समूह ए तक 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। रिक्त पद होने पर चार प्रतिशत पद दिव्यांगों के लिए आरक्षित रखे जाएंगे। विकलांगता की श्रेणियों के अनुसार यह 4 प्रतिशत आरक्षण लागू होगा। जिस संवर्ग में सरल सेवा नियुक्ति का प्रमाण 75 प्रतिशत नहीं होगा, ऐसे संवर्ग में दिव्यांगों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।
जाति वैधता प्रमाण पत्र जमा कराने के लिए उम्मीदवारों को मिली अधिक अवधि
राज्य में ग्राम पंचायत, जिला परिषद और पंचायत समिति की आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को जाति वैधता प्रमाण पत्र जमा कराने की अवधि को राज्य मंत्रिमंडल ने बढ़ाने को मंजूरी दी है। इससे अब ग्राम पंचायत सदस्य, सरपंच, अध्यक्ष और सभापति पद के आरक्षित सीटों के उम्मीदवार इस साल 31 दिसंबर तक जाति वैधता प्रमाण पत्र दाखिल कर सकेंगे। आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने वाले पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों को नामांकन पत्र के साथ जाति वैधता प्रमाण पत्र जमा करना पड़ता है। कोई उम्मीदवार चुनाव लड़ने से वंचित न रहे, इसलिए जाति वैधता प्रमाण पत्र जमा कराने की अवधि बढ़ा दी गई है।
चुनाव लड़ने के लिए महिला उम्मीदवारों को नॉन क्रीमिलेयर प्रमाण पत्र की जरुरत नहीं
प्रदेश में सामान्य वर्ग की महिलाओं को आरक्षित पदों पर चुनाव लड़ने के लिए नॉन क्रीमिलेयर प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होगी। साथ ही सभी पिछड़े वर्ग की महिलाओं को भी नॉन क्रीमिलेयर प्रमाण-पत्र जमा कराने की शर्त को शिथिल करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इसके अनुसार सामान्य वर्ग की महिलाओं को महिला आरक्षित पदों के चुनाव और सभी पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए नॉन क्रीमिलेयर प्रमाण-पत्र की जरुरत नहीं होगी।
शिक्षकेतर कर्मचारियों को 7वां वेतनमान
गैर-कृषि विश्वविद्यालय के शिक्षकेतर कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के अनुसार बकाया वेतनमान देने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। शिक्षकेतर कर्मचारियों को बकाया राशि वित्तीय वर्ष 2021-22 से पांच वर्ष में पांच समान किस्त में दी जाएगी। यह राशि हर साल एक जुलाई को प्रदान की जाएगी। इसके अनुसार साल 2021-22 और साल 2022-23 की किस्त और साल 2023-24 का बकाया किस्त एक जुलाई 2023 को प्रदान की जाएगी। बकाया राशि देने के लिए 900 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी इंटर्नशिप को मिलेंगे हर माह 8 हजार
राज्य के बीएससी पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी इंटर्नशिप करने वाले विद्यार्थियों को अब हर महीने 8 हजार रुपए विद्यावेतन (स्टाइपेंड) देने को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इस फैसले का लाभ 511 विद्यार्थियों को मिलेगा। महानगर पालिका के मेडिकल कॉलेजों के बीएससी (पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी) पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों को हर महीने में 8 हजार रुपए विद्यावेतन प्रदान किया जाएगा। यह राशि संबंधित मनपा की ओर से दी जाएगी।
पिछड़ों-वंचितों को मुख्य धारा में लाने की पहल
राज्य में महात्मा फुले नवीकरणीय ऊर्जा व आधारभूत प्रौद्योगिकी (महाप्रित) उप-कंपनी के माध्यम से विभिन्न परियोजनाओं का काम कर पिछड़े और वंचित समुदायों को मुख्य धारा में लाने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इस उप-कंपनी के माध्यम से फिलहाल आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल विभिन्न नई योजनाओं में किया जा रहा है। इनमें अक्षय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक चार्जिंग केंद्र, कृषि प्रक्रिया मूल्य श्रृंखला, जैव ईंधन और बुनियादी सुविधा प्रकल्प, डेटा सेंटर, किफायदी घर, ऊर्जा कार्यक्षमता, महिला उद्यमिता, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा हो सकेगा। महात्मा फुले पिछड़ा वर्ग विकास महामंडल की स्थापना 1978 में की गई है। इस महामंडल के माध्यम से विभिन्न अनुदान, कर्ज योजना लागू की जाती है। मगर अनुसूचित जाति व नवबौद्ध समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास की दृष्टि से महामंडल को अधिक प्रोत्साहन देने की जरुरत थी। इसके मद्देनजर महात्मा फुले महाप्रित उप कंपनी की स्थापना 2021 में की गई है।
अमरावती में अतिरिक्त पारिवारिक न्यायालय
अमरावती में अतिरिक्त पारिवारिक न्यायालय स्थापित करने और उसके लिए आवश्यक पदों को भरने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। पारिवारिक न्यायालय के लिए 9 नियमित पद और 3 पद आउट सोर्सिंग से भरने की मंजूरी मिली है। दूसरी ओर पुणे के दौंड में दिवानी न्यायालय (वरिष्ठ स्तर) स्थापित करने को भी राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इस न्यायालय के लिए 16 नियमित पद और 4 पद आउट सोर्सिंग के माध्यम से भरे जाएंगे।
मराठी भाषा भवन के लिए संशोधित प्रारुप को मंजूरी
मुंबई के मराठी भाषा भवन के काम को गति देने के लिए परियोजना के संशोधित प्रारूप को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। प्रदेश के मराठी भाषा विभाग के मंत्री दीपक केसरकर ने प्रस्तावित मराठी भाषा भवन के संशोधित प्रारूप के बारे में जानकारी दी।
Created On :   19 April 2023 10:04 PM IST