बोतलबंद गंगाजल को लेकर तीन साल में महज 313 ने ही दिखायी आस्था

Only 313 showed faith in bottled Ganga water in three years
बोतलबंद गंगाजल को लेकर तीन साल में महज 313 ने ही दिखायी आस्था
बोतलबंद गंगाजल को लेकर तीन साल में महज 313 ने ही दिखायी आस्था

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्र सरकार ने दो स्थानों के गंगाजल को बॉटलिंग कर बेचने की अनुमति एक एजेंसी को दी है। उत्तराखंड के गंगोत्री और ऋषिकेश से गंगा नदी का पानी लेकर यह एजेंसी गंगाजल जमा कर बॉटलिंग करती है। इसके बाद देशभर के डाकघरों को उनकी मांग के अनुसार वितरित किया जाता है। नागपुर शहर में इन दो स्थानों से ही गंगाजल मंगाया जाता है। अगस्त 2016 से जून 2019 तक 315 बोतलें मंगायी गई हैं। जून 2019 के अंत तक 313 बोतलें बिक चुकी थीं। इनमें से मुख्य डाकघर से 32 और इतवारी डाकघर से 281 बोतलें बेची गई हैं। यहां गंगाजल की बोतलें गंगोत्री से ही मंगायी जाती हैं। ऋषिकेश से न के बराबर गंगाजल आता है। गंगोत्री से अाने वाली 250 एमएल गंगाजल की एक बोतल की कीमत 30 रुपए है। इसके मुकाबले ऋषिकेश से आने वाली बोतलों की कीमत 25 रुपए है। यहां गंगोत्री के गंगाजल की मांग होने से वहीं ऑर्डर दिया जाता है। नागपुर में आने वाला गंगाजल दिल्ली से वाया मुंबई होकर आता है।

तीन साल पहले केंद्र सरकार ने गंगाजल योजना शुरू की थी। इसके तहत देशभर के डाकघरों के माध्यम से लोगों को आसानी से गंगाजल उपलब्ध कराने की योजना है। उत्तराखंड के गंगोत्री और ऋषिकेश से गंगाजल की बोतलें आपूर्ति की जा रही हैं। नागपुर के डाकघरों में गंगाजल की बिक्री की जा रही है। 12 जुलाई 2016 को सरकार ने इस योजना को शुरू किया। नागपुर के डाकघरों में 12 अगस्त 2016 से योजना प्रारंभ हुई। इन तीन सालों में 40 लाख आबादी वाले शहर में केवल 313 बोतलें ही बिक पायी हैं। इसके पीछे कई कारण गिनाए जा रहे हैं। नागपुर के मुख्य डाकघर सिविल लाइंस और शहर डाकघर इतवारी में गंगाजल बेचने की व्यवस्था की गई है। आश्चर्य इस बात का है कि तीन सालों में जितनी बोतलें बिकीं, उनमें से 90 फीसदी बोतलें इतवारी डाकघर से बिकी हैं। शेष 10 फीसदी बोतलें सिविल लाइंस के डाकघर से बिक पायी हैं। जिस नदी के पानी को अमृत माना जाता है, उसके प्रति पश्चिम और दक्षिण नागपुर में आस्था कम दिखायी देती है। वहीं पूर्व, मध्य, उत्तर के नागरिक गंगाजल खरीदने इतवारी पहुंचते हैं।

डाकघर द्वारा बचे हुए स्टॉक को देखते हुए संबंधित एजेंसी को ऑर्डर देना पड़ता है। ऑर्डर देने के करीब एक महीने के बाद ही गंगाजल की बोतलें आती हैं। जितनी मांग की जाती है, उतनी बोतलें नहीं मिल पातीं। 100 बोतलों का ऑर्डर भेजने पर 25 ही मिल पाती हैं। तीन सालों में ऐसा कई बार हो चुका है। इस साल फरवरी महीने में 100 बोतलों का ऑर्डर भेजा गया था। मार्च महीने में 48 बोतलें ही मिल पायी हैं। मार्च से जून 2019 तक 45 बोतलें बिक चुकी हैं। अब 3 बोतलें स्टॉक में हैं। नया ऑर्डर भेजा गया है। सालभर पहले एक समय ऐसा आया था जब दोनों डाकघरों में गंगाजल की एक भी बोतल नहीं थी। गंगाजल के लिए होम डिलिवरी सुविधा नहीं है। लोगों को डाकघरों में जाकर ही गंगाजल खरीदना पड़ता है। भविष्य में होम डिलिवरी देने की योजना है, लेकिन अब तक इस बारे में सरकार से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं।

Created On :   10 Aug 2019 5:46 PM IST

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