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डेड स्टोरेज की ओर बढ़ रहे महाराष्ट्र के बांधों में बचा महज 33% पानी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। साल 2016 की तुलना में वर्ष 2017 में अच्छी बारिश हुई। इसके बावजूद कोंकण, मराठवाड़ा, नाशिक और पुणे की तुलना में नागपुर और अमरावती संभाग के बांधों में सबसे कम पानी है। जहां महाराष्ट्र में वर्तमान औसत जलसंग्रहण 32.64 प्रतिशत है, तो नागपुर संभाग के बांधों में मौजूदा जलसंग्रहण केवल 16.98 प्रतिशत हैं, जबकि अमरावती संभाग व नागपुर संभाग में कुल मिलाकर 16 से अधिक प्रमुख नदियां हैं। विदर्भ में सिंचाई विभाग की ओर से 1108 परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें से 788 का निर्माण पूर्ण हो चुका है। 314 निर्माणाधीन परियोजनाओं से 8442.71 दलघमी. जलसंग्रहण क्षमता निर्मित की गई है। इन परियोजनाओं के निर्माण के लिए अब तक 37 हजार 927 करोड़ रुपए की निधि खर्च की जा चुकी है। इसके बावजूद मई माह में भीषण जलसंकट एवं डेड स्टोरेज की समस्या दस्तक दे रही है।
स्थिति चिन्ताजनक
नगपुर संभाग के 6 जिलों में मौजूद जलस्रोतों की स्थिति इस वर्ष के ग्रीष्मकाल में भी चिंताजनक नजर आ रही है। 16 बड़े बांधों में महज 16 प्रतिशत एवं 40 मध्यम बांधों में केवल 19 प्रतिशत पानी शेष रह गया है। वहीं 314 लघु बांधों के हालात तो और भी बुरे हैं। इन लघु बांधों में केवल 15 प्रतिशत ही पानी बच गया है। यह स्थिति भीषण जलसंकट की दस्तक है। यदि जून माह के प्रथम सप्ताह में बारिश नहीं हुई, तो अधिकांश बांध डेड स्टोरेज की चौखट पर पहुंच जाएंगे और संभाग के निवासियों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ेगा। मौजूदा हालात एवं प्रशासनिक आंकड़ों से भीषण जलसंकट की आहट मिल रही है, जबकि नागपुर जिले में मौजूद मकरधोकड़ा तथा सायकी मध्यम परियोजनाओं का पानी खत्म होने के कारण लोगों की चिंता और बढ़ गई है।
सिंचाई व्यवस्था पर विपरीत असर
विदर्भ के सभी बड़े बांधों में जलसंग्रहण की क्षमता पर्याप्त है, परंतु बारिश की अनियमितता एवं लगातार घट रही बारिश के कारण इन बांधों में पर्याप्त जलसंग्रहण नहीं हो पा रहा है। इसका विपरीत असर सिंचाई क्षमता पर भी दिखाई पड़ रहा है। यदि बांधों का पानी डेड स्टोरेज की सीमा तक पहुंच जाता है, तो प्रशासन को इसे पेयजल के लिए आरक्षित रखना पड़ता है। यही वजह है कि सरकार ने अब छोटे बांधों के निर्माण पर विशेष ध्यान देना शुरू किया है। विदर्भ में सिंचाई विभाग के बड़े बांधों में तोतलाडोह, पेंच, कामठी खैरी, रामटेक खिंडसी, नांद वणा, वड़गांव, इडियाडोह, सिरपुर, पुजारी टोला, कालीसरार, असोलामेंढ़ा, दिना, बोर, धाम, पोथरा, लोअर वर्धा, गोसीखुर्द, बावनथड़ी, धापेवाड़ा, इरई आदि का समावेश है। लेकिन 3559 में से अब केवल 586 दलघमी. (दस लाख घन मीटर) ही पानी शेष होने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है।
महाराष्ट्र के बड़े जलाशयों में जलसंग्रहण की स्थिति (10 लाख घन मीटर में)
संभाग कुल बांध उपयुक्त जलसंग्रहण मौजूदा जलसंग्रहण प्रतिशत
नागपुर 17 3559 586 16.46
अमरावती 10 2483 386 15.55
कोंकण 11 2459 1201 48.83
नाशिक 23 3669 1344 36.64
पुणे 35 12459 4739 38.04
मराठवाड़ा 44 4501 1469 32.63
कुल- 140 29130 9725 33.39
@लिमेश कुमार जंगम
Created On :   29 April 2018 4:46 PM IST