कैसे आएगी हरियाली , पौधारोपण के बाद बचे हैं सिर्फ ट्री-गार्ड, 11 हजार पौधों पर फूंक दिए तीन करोड़

Only tree guard left after planting waste three crore on 11 thousand plants
कैसे आएगी हरियाली , पौधारोपण के बाद बचे हैं सिर्फ ट्री-गार्ड, 11 हजार पौधों पर फूंक दिए तीन करोड़
कैसे आएगी हरियाली , पौधारोपण के बाद बचे हैं सिर्फ ट्री-गार्ड, 11 हजार पौधों पर फूंक दिए तीन करोड़

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार हरियाली बढ़ाने का दावा खूब कर रही है, पर हकीकत की तस्वीर उलट है। दैनिक भास्कर ने मनपा की ओर से कराए गए पौधारोपण की पड़ताल की तो पोल खुल गई। नेशनल हाईवे के बोरखेड़ी से जाम तक (चंद्रपुर रोड) में तीन करोड़ रुपए की लागत से 11 हजार पौधे लगाने का दावा किया जा रहा है। बीवीजी कंपनी को 2018-19 में यह काम दिया गया था। हकीकत यह है कि अब पौधे नहीं हैं, बस... मौजूद हैं तो केवल ट्री-गार्ड। एक-एक पौधे के लिए 27-27 सौ रुपए सरकार ने खर्च किए। बावजूद इसके अफसरों ने इसको गंभीरता से नहीं लिया। इतने बड़े पैमाने पर पौधारोपण में गड़बड़ी के बावजूद मनपा के स्तर से न ही कोई जांच कराई गई और न ही किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई तक की गई है।

1 - जामठा से बोरखेड़ी तक ओरिएंटल कंपनी ने पौधारोपण किया है। यह पौधारोपण कंपनी ने अपनी तरफ से किया है। इसका एनएचएआई ने किसी तरह का भुगतान नहीं किया है। 

2 -  बोरखेड़ी से जाम तक बीवीजी कंपनी को काम दिया गया है। बीवीजी को इस हिस्से में 11 हजार पौधे लगाने थे। एक पौधारोपण पर करीब 2700 रुपए भुगतान किया जा रहा है। यानी संपूर्ण पौधारोपण के लिए तीन करोड़ रुपए। पौधारोपण के बाद पांच साल तक रख-रखाव का भी जिम्मा है। पहले वर्ष में उसे 40 प्रतिशत भुगतान करना था। इसके बाद दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें वर्ष में 15-15 प्रतिशत भुगतान करना है।

3 -  जाम से आगे का हिस्सा नीरी संस्था को दिया गया है। नीरी को 19 हजार पौधे लगाने हैं। इसके लिए उसे छह करोड़ रुपए भुगतान किया जाएगा। नीरी ने भी जाम से आगे पौधे लगाने का दावा किया है।

कंपनियों को रख-रखाव करना होगा वर्ना, जब्त होगी  बैंक गारंटी
बोरखेड़ी से जाम तक बीवीजी को पौधारोपण का काम दिया गया है। एक साल पहले उसने पौधारोपण किया है। हाल में कंपनी ने कार्यालय में शिकायत की है कि खेतों में दवाओं के छिड़कांव से पौधे मर गए हैं। अगर पौधे जीवित नहीं हैं तो कंपनी को दोबारा पौधारोपण करना होगा। पांच साल तक रख-रखाव की जिम्मेदारी है। अगर ऐसा नहीं होता है तो बैंक गारंटी जब्त कर ली जाएगी। -श्री येवतकर, प्रोजेक्ट ऑफिसर, एनएचएआई।

कंपनी किसानों पर फोड़ रही ठीकरा
बीवीजी कंपनी ने अपने बचाव में कदम उठा लिए हैं। उसने राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को शिकायत कर सारा ठीकरा किसानों पर फोड़ा है। दावा किया है कि किसानों ने अपने खेतों में कीटनाशक  दवाओं का छिड़काव किया। इसका असर हाईवे किनारे लगे पौधों पर पड़ा और पौधे सूख गए। कंपनी की इस शिकायत से संदेह और भी गहराया गया है। खेत और नेशनल हाईवे पर किए गए पौधारोपण में करीब 10-20 फीट का फासला है। जानकारों का दावा है कि कंपनी की शिकायत को मान भी ली जाए तो ऐसे कुछ दूरी तक हुआ होगा। पूरे हाईवे पर से पौधों का गायब होना, बड़े घोटाले की ओर इशारा करता है। 
 

Created On :   26 Feb 2020 5:15 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story