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उपसचिव के सामने ही कुलगुरु की शिकायतों का खुला पिटारा
डिजिटल डेस्क, नागपुर. राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ में एमकेसीएल और अन्य मामलों की जांच के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने उपसचिव अजित बारस्कर की जांच समिति गठित की है। दो दिन में समिति ने विद्यापीठ में कुलगुरु सहित अन्य सदस्यों का पक्ष सुना। दूसरे दिन शनिवार को विधायक प्रवीण दटके सहित व्यवस्थापन परिषद सदस्य और सीनेट सदस्यों ने उपसचिव से मुलाकात कर विद्यापीठ में गैर-प्रकार की शिकायतों का पिटारा खोला। एमकेसीएल और विद्यापीट में विविध प्रकरण बाबत एड. अभिजीत वंजारी और प्रवीण दटके ने विधानपरिषद में प्रश्न उपस्थित किए थे। इसकी जांच की मांग की थी। प्रवीण दटके ने एमकेसीएल को पैसे बढ़ाकर देने के लिए विद्यार्थियों से शुल्क बढ़ाकर लेने का प्रश्न भी उपस्थित किया था। इस संपूर्ण प्रकरण की जांच करने का आश्वासन उच्च व तंत्रशिक्षण मंत्री चंद्रकांत पाटील ने दिया था। इसके बाद गुरुवार को उच्च शिक्षण विभाग के उपसचिव अजित बारस्कर की जांच समिति गठित की गई थी। समिति ने शुक्रवार से अपनी जांच शुरू की। पहले दिन कुलगुरु सहित अधिकारियों की जांच की। शनिवार को उपसचिव ने प्रवीण दटके, व्यवस्थापक परिषद सदस्य विष्णु चांगदे, एड. मनमोहन वाजपेयी और सीनेट सदस्य शिवानी दाणी से मुलाकात की। इन सदस्यों ने कुलगुरु की शिकायतों का पिटारा खोला। अनेक गैर-प्रकार के आरोप लगाए। विशेष यह कि एमकेसीएल को बिना निविदा निकाले दिए गए करोड़ों रुपए के कामों की जांच करने की मांग की।
इस तरह की हैं शिकायतें
रूसा बिल्डिंग के अप्रोच रोड के काम की निविदा निकाले बिना 50 लाख रुपए का ठेका दिया।
विद्यापीठ कैम्पस में कंपाउंड वॉल के लिए 40 लाख रुपए का काम निविदा निकाले बिना दिया।
60 एमएम पेविंग ब्लॉक, अप्रोच ट्रैक महात्मा फुले परिसर में 50 लाख के काम बगैर निविदा दिया।
ये है आपत्तियां
एक्सटेंशन ऑफ वर्क 20 प्रतिशत से ज्यादा नहीं दिया जा सकता, इसलिए जांच की जाए।
सुरक्षा रक्षक आपूर्ति ठेकेदार को गैर-कानूनी रूप से बगैर भुगतान किया और वर्क ऑर्डर खत्म होने के बाद मियाद बढ़ाई।
कुलसचिव की प्रमाणित हाजिरी रजिस्टर न देखते हुए बिल का भुगतान किया।
अंतत: एमकेसीएल का ठेका रद्द
राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ द्वारा एमकेसीएल को दिया ठेका रद्द करने के निर्णय पर शुक्रवार को व्यवस्थापन परिषद की बैठक में मुहर लगाई गई। इस बाबत उच्च व तंत्रशिक्षण मंत्री चंद्रकांत पाटील के दौरे में कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी ने ठेका रद्द करने की जानकारी दी थी। विद्यापीठ ने फिर से एमकेसीएल को परीक्षा का ठेका देने का निर्णय लिया था, लेकिन कंपनी पांच महीने से प्रथम वर्ष के नतीजे लगाने में असफल रही। इस बीच 25 अगस्त को एड. अभिजीत वंजारी और प्रवीण दटके ने विधानपरिषद में यह प्रश्न उपस्थित कर जांच की मांग की थी। इसके अलावा एमकेसीएल को पैसा बढ़ाकर देने का भी आरोप लगाया था। चंद्रकांत पाटील ने इसकी जांच का आश्वासन दिया था। तत्पश्चात 28 अगस्त को विद्यापीठ में हुई बैठक में मंत्री ने कुलगुरु डॉ. चौधरी को कंपनी के साथ करार तत्काल रद्द करने के आदेश दिए थे, लेकिन दो सप्ताह बाद भी विद्यापीठ प्रशासन ने इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की थी। दो दिन पहले उच्च शिक्षण विभाग ने उपसचिव की जांच समिति गठित की थी। व्यवस्थापन परिषद की बैठक में एमकेसीएल का ठेका रद्द करने का प्रस्ताव था। इस प्रस्ताव को मान्यता देते हुए एमकेसीएल का ठेका रद्द करने का एकमत से प्रस्ताव मान्य किया गया। शेष काम पूरा करने को कहा गया है। बैठक में विविध विषयों पर भी निर्णय लेने की जानकारी है।
Created On :   18 Sept 2022 6:01 PM IST