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बुटीबोरी में भूखंड अनियमितता : पूर्व सांसद दर्डा व अन्य के खिलाफ खुली जांच की तैयारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भूखंड अनियमितता के आरोप झेल रहे पूर्व सांसद विजय दर्डा और कंपनियों के कुछ पदाधिकारियों के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो खुली जांच की तैयारी कर रहा है। एसीबी ने इसकी अनुमति के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। खुली जांच के लिए सरकार की अनुमति का इंतजार है। एसीबी ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में शपथपत्र प्रस्तुत करके यह जानकारी दी है। मामले में मंगलवार को न्यायमूर्ति आर.के.देशपांडे और न्यायमूर्ति विनय जोशी की बेंच के समक्ष यह मामला सुनवाई के लिए आया। उन्होंने मामले को अन्य बेंच के समक्ष ले जाने के आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ता की ओर से एड.श्रीरंग भंडारकर ने पक्ष रखा।
यह है आरोप
नागपुर खंडपीठ में पंकज ठाकरे ने पूर्व सांसद विजय दर्डा और कंपनियों के कुछ पदाधिकारियों के खिलाफ जनहित याचिका दायर की है। याचिका में प्रतिवादियों पर बुटीबोरी में भू-खंड आवंटन से जुड़े हेर-फेर के आरोप लगाए गए हैं। याचिका में राज्य उद्योग निदेशालय, एमआईडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और नागपुर एरिया मैनेजर, विजय जवाहरलाल दर्डा, रचना दर्डा, शीतल जैन, उनकी कंपनी, नियोजित लोकमत कर्मचारी गृहनिर्माण सहकारी संस्था, बुटीबोरी ग्राम पंचायत और पुलिस आयुक्त को प्रतिवादी बनाया गया है।
याचिकाकर्ता ने इस मामले में दर्डा और उनसे जुड़ी कंपनियों से आज की सरकारी दरों के हिसाब से शुल्क और जुर्माना वसूल करने के आदेश जारी करने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की है। साथ ही भू-खंड आवंटन की हेर-फेर की जांच करने की भी मांग की है। इस मामले में एसीबी के जांच अधिकारी रामदास घोडमारे ने कोर्ट में अपना शपथपत्र प्रस्तुत किया है। जिसमें उन्होंने कोर्ट को बताया कि, एसीबी को ठाकरे की शिकायत मिली, जिसके बाद एसीबी मुख्यालय ने नागपुर एसीबी को मामले की जांच के आदेश दिए। एसीबी के अनुसार सरकारी सेवकों पर लगने वाले इस प्रकार के आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति की जरूरत होती है। इसलिए एसीबी ने एक प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है, जो अब तक विचाराधीन है।
Created On :   5 Jun 2019 2:04 PM IST