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मराठा के साथ मुस्लिम-धनगर आरक्षण की मांग बुलंद कर रहा विपक्ष
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठा आरक्षण पर मुश्किल में फंसी प्रदेश की भाजपा सरकार को विपक्ष अब मुस्लिम और धनगर समाज के आरक्षण की मांग पर घेरने की तैयारी में है। भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने भी तेवर कड़े कर लिए हैं। आरक्षण को लेकर कांग्रेस सड़कों पर आंदोलनकारियों के साथ संघर्ष करने का फैसला लिया है। विपक्षी दलों के रूख से साफ है कि प्रदेश में अब आरक्षण की लड़ाई और तेज होगी।
सोमवार को मराठा आरक्षण पर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायकों की अलग-अलग बैठक हुई। कांग्रेस के विधायकों की बैठक महाराष्ट्र विधानमंडल स्थित पार्टी कार्यालय में हुई। जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायकों की बैठक विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे के सरकारी आवास पर हुई।
इसके बाद दोनों दलों के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल सी. विद्यासागर और राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष पूर्व जस्टिस एमजी गायकवाड से अलग-अलग मुलाकात की। कांग्रेस ने राज्यपाल को मराठा, मुस्लिम, धनगर, महादेव कोली और लिंगायत समाज को आरक्षण देने के संबंध में ज्ञापन दिया। राष्ट्रवादी कांग्रेस ने राज्यपाल से मराठा आरक्षण तत्काल लागू करने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा कि मराठा आरक्षण पर प्रदेश में स्थिति विस्फोटक बनती जा रही है। सेल्फी निकाल कर युवक आत्महत्या कर रहे हैं। परिस्थिति सरकार के नियंत्रण के बाहर चली गई है। बैठक में शामिल कांग्रेस के एक विधायक ने कहा कि मराठा आरक्षण के आंदोलन ने हम लोगों को जगा दिया है। आने वाले समय में पार्टी मराठा, मुस्लिम और धनगर समाज के आरक्षण की मांग को लेकर सड़कों पर उतरने वालों का खुल कर साथ देगी। पार्टी आरक्षण की मांग करने वाले आंदोलनकारियों के साथ खड़े रहने का फैसला किया है। बैठक में कांग्रेस विधायक नसीम खान ने मुस्लिम समाज के आरक्षण का भी मसला उठाया।
कांग्रेस के विधायकों की सामूहिक इस्तीफा देने की तैयारी
सूत्रों के अनुसार पार्टी की बैठक में कांग्रेस विधायक राहुल बोंद्रे और भारत भालके सहित कई अन्य विधायकों ने सामूहिक इस्तीफे की पेशकश की। इस पर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा इस बारे में बाद में विचार किया जाएगा। बाद में पत्रकारों से बातचीत में चव्हाण ने कहा कि विधायकों की भावना तीव्र है। लेकिन विधायकों के इस्तीफे के बारे में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।
जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए- राठौड़
कांग्रेस के विधायक हरिभाऊ राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में मराठा समाज सहित समाज के दूसरे तबकों को आरक्षण दिया जा सकता है। लेकिन इसके लिए केंद्र सरकार को सबसे पहले जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए।
Created On :   30 July 2018 2:56 PM GMT