मानसून सत्र में भी हाशिए पर रह गया विदर्भ, घोटालों का नहीं मिला जवाब

Opposition leader Dhananjay Munde said Government is fugitive
मानसून सत्र में भी हाशिए पर रह गया विदर्भ, घोटालों का नहीं मिला जवाब
मानसून सत्र में भी हाशिए पर रह गया विदर्भ, घोटालों का नहीं मिला जवाब

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विपक्ष द्वारा रखे गए अंतिम सप्ताह प्रस्ताव पर सरकार जवाब देने से बचती दिखी। विधानपरिषद में अंतिम सप्ताह प्रस्ताव के जरिए प्रतिपक्ष नेता धनंजय मुंडे सहित अन्य नेताओं ने कृषि, सहकार, विदर्भ, सिंचाई, डिजिटल महाराष्ट्र के घोटाले, मोबाइल खरीद घोटाला सहित अन्य मुद्दे उठाए थे। लेकिन कृषि राज्यमंत्री सदाभाऊ खोत और सहकार राज्यमंत्री सुभाष देशमुख ने अपने-अपने विभागों के संबंधित सवालों के जवाब देकर औपचारिकता निभाई। अन्य विभागों के मंत्रियों से विपक्ष के सवालों का कोई जवाब नहीं मिला। इसे लेकर विपक्ष नेता धनंजय मुंडे ने आरोप लगाते हुए सरकार को ‘भगोड़ा’ कहा।

उन्होंने कहा कि नियमानुसार अंतिम सप्ताह प्रस्ताव में जो-जो मुद्दे उपस्थित किए गए, उनका संबंधित मंत्रियों से जवाब मिलना चाहिए, लेकिन सरकार सवालों से बच रही है। कृषि, सहकार छोड़कर अन्य कोई मंत्री जवाब नहीं दे रहा है। सरकार नई परंपरा शुरू कर रही है। डिजिटल महाराष्ट्र घोटाला, सिंचाई, विदर्भ और किसानों की समस्या पर सरकार से कोई जवाब नहीं मिला है। इसे लेकर कांग्रेस-राकांपा ने जोरदार विरोध दर्ज कराते हुए सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया। 

सदन में नई परंपरा दिखी
गुरुवार को विपक्ष की ओर से किसान, कृषि, सिंचाई, डिजिटल घोटाला, मोबाइल घोटाला आदि विषयों को लेकर अंतिम सप्ताह प्रस्ताव रखा था। धनंजय मुंडे, सुनील तटकरे, माणिकराव ठाकरे, शरद रणपिसे, प्रकाश गजभिये, विद्या चव्हाण, हरिभाऊ राठोड, जयंत पाटील, गिरीश व्यास आदि ने प्रस्ताव पर बोलते हुए विविध विषय रखे थे। अपेक्षा थी कि क्रमवार संबंधित विभाग के मंत्री एक-एक इसका जवाब देंगे। अब तक यहीं परंपरा रही है। जिन विभागों के सवाल उठाए जाते हैं, वह अपने विभाग के बारे में किए गए कामों की जानकारी देते हैं या आरोपों को झूठलाने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस बार सदन में नई परंपरा दिखी।

कृषि राज्यमंत्री सदाभाऊ खोत और सहकार राज्यमंत्री सुभाष देशमुख ने अपने-अपने विभाग द्वारा चलाई गई योजनाओं की जानकारी दी। लेकिन नगरविकास विभाग, माहिती तंत्रज्ञान मंत्री या अन्य कोई मंत्री जवाब देने नहीं पहुंचा। 

सभा से बहिर्गमन
इस बारे में जब धनंजय मुंडे ने सवाल उठाया तो उन्हें रिप्लाय मिलने की जानकारी दी गई। इसे लेकर प्रतिपक्ष नेता ने जोरदार आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि, ये क्या चल रहा है। सरकार नियम-परंपराओं का पालन नहीं कर रही है। सवालों का जवाब नहीं मिल रहा है। कई सवाल है, जिनके जवाबों से सरकार भाग रही है। आंकड़ों की बाजीगरी कर जनता को गुमराह किया जा रहा है। सरकार भगोड़ी है। सवालों से बच रही है। इसका हम तीव्र शब्दों में निषेध करते हुए सभात्याग करते हैं।

हमने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया : देशमुख 
सहकार राज्यमंत्री सुभाष देशमुख ने कहा कि 2008 से स्वामीनाथन की रिपोर्ट केंद्र के पास है, लेकिन इसे कोई लागू नहीं कर पाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल से स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की है। हमने किसानों से आह्वान किया कि समर्थन मूल्य पर अपना माल न बेचें। इस संबंध में बाजार समिति को कार्रवाई के अधिकार भी दिए गए हैं। किसानों को विविध योजनाओं अंतर्गत वितरित अनुदान की जानकारी देते हुए बताया कि 38 लाख किसानों को कर्ज माफी का लाभ मिला है। कर्जमाफी में अब पति-पत्नी को भी लाभ मिलेगा। 

NDRF के पहले हफ्ते की राशि मिल गई है : खोत 
अंतिम सप्ताह प्रस्ताव पर जवाब देते हुए कृषि राज्यमंत्री सदाभाऊ खोत ने कहा कि NDRF का पहला हफ्ता जमा हो गया है। बीमा कंपनियों ने भी किसानों को पैसे दिए हैं। 14 लाख 99 हजार किसानों ने आवेदन दाखिल किया है। 1 लाख 55 हजार किसानों की नुकसान भरपाई के लिए बीमा कंपनी को नोटिस जारी किया गया है। बीज कंपनियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। कृषि मूल्य की जानकारी देते हुए उन्होंने पूर्व सरकार और मौजूदा सरकार द्वारा दिए जा रहे भाव की तुलना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू होने के बाद भाव बढ़े हैं। 25 हजार करोड़ रुपए प्याज के लिए उपलब्ध कराए हैं। इससे गोदाम बनाए जाएंगे, ताकि प्याज खराब न हो। 

Created On :   21 July 2018 4:08 PM IST

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