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10 दिसंबर को ऑरेंज सिटी इंटरनेशल फेस्टिवल, डॉयरेक्टर निहलानी करेंगे संवाद

डिजिटल डेस्क, नागपुर । फिल्म से जुड़े मुद्दों पर मार्गदर्शन करने निर्देशक गोविंद निहलानी नागपुर आ रहे हैं। ऑरेंज सिटी इंटरनेशल फेस्टिवल अंतर्गत रविवार, 10 दिसंबर को आईटी पार्क, परसिसटेंस कवि कुलगुरु कालिदास सभागृह में शाम 6 बजे निर्देशक गोविंद निहलानी संवाद करेंगे। इस दौरान चित्रपट, साहित्य, सिनेमटोग्राफी, स्क्रीन प्ले, ओमपुरी, अर्द्धसत्य आदि मुद्दों पर चर्चा होगी। कार्यक्रम में अपने अनुभवों को साझा करते हुए युवा प्रतिभाओं का मार्गदर्शन भी करेंगे।
तकनीकी कौशल भी रखते हैं निहलानी
हिन्दी फिल्म जगत में 77 वर्षीय गोविंद निहलानी का नाम जाना-माना है। उन्होंने आक्रोश, विजेता, अर्धसत्य, द्रोहकाल, देव और हजार चौरासी की मां जैसी समानांतर और कालजयी फिल्में बनाई हैं। व्यावसायिक फिल्मों में कैमरामैन वी.के. मूर्ति के सहायक के रूप में काम करके जहां उन्होंने तकनीकी कौशल हासिल किया, वहीं श्याम बेनेगल जैसे मंझे हुए फिल्मकार के साथ समानांतर सिनेमा के निर्देशन की बारीकियां सीखने में मदद मिलीं। कराची में 19 दिसंबर, 1940 को जन्मे गोविंद निहलानी का परिवार 1947 के विभाजन के दौरान भारत आ गया था।
विज्ञापन फिल्मों से कैरियर की शुरुआत
वैसे तो निहलानी ने अपने कैरियर की शुरुआत विज्ञापन फिल्मों से की थी। उन्हें प्रसिद्ध निर्देशक श्याम बेनेगल के साथ उनकी फिल्मों निशांत, मंथन, जुनून में एक छायाकार के रूप में कैरियर की शुरुआत करने का मौका मिला। निर्देशक के रूप में अपना हुनर साबित करने का मौका 1980 में प्रदर्शित फिल्म आक्रोश के जरिए मिला। इस फिल्म को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया था। अस्सी के दशक में जब गोविंद निहलानी की पहली फिल्म अर्धसत्य आई, तो तहलका मचाते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित की। अर्धसत्य ने अलग-अलग वर्गो में पांच फिल्मफेयर पुरस्कार जीते थे। पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी आंदोलन पर आधारित उनकी फिल्म हजार चौरासी की मां भी फिल्मी पायदान पर एक अलग उपलब्धि हासिल करने में सफल रही थी। निहलानी को 2002 में पद्मश्री से भी नवाजा जा चुका

Created On :   5 Dec 2017 3:32 PM IST